पुणे. घर-घर में छत्रपति शिवाजी महाराज की महिमा पहुंचाने वाले शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे का आज सोमवार सुबह (१५ नवंबर) निधन हो गया. वे पिछले कुछ दिनों से पुणे के दीनानाथ मंगशेकर अस्पताल में भर्ती थे. वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली.
दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी शिरीष याडकीकर ने बताया कि बाबासाहेब पुरंदरे को निमोनिया हुआ था. पिछले लगभग एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे. आईसीयू में उनका उपचार जारी था. उनका उपचार चिकित्सकों की एक टीम द्वारा किया जा रहा था.
बाबासाहेब ने हाल ही में 100वें साल में प्रवेश किया था. इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दी थीं.
बलवंत मोरेश्वर उर्फ बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म २९ जुलाई, १९२२ को हुआ था. वे जाने-माने मराठी साहित्यकार, नाटककार तथा इतिहास लेखक थे. केंद्र सरकार ने उन्हें 2019 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के सर्वोच्च सम्मान ‘महाराष्ट्र भूषण’ से २०१५ में सम्मानित किया था. वे शिवाजी से सम्बन्धित इतिहास शोध के लिये प्रसिद्ध थे. प्रसिद्ध नाटक “जाणता राजा” उनकी ही कृति है. बाबासाहब पुरंदरे ने नाटक ‘जाणता राजा’ के जरिए शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को जन-जन तक पहुंचाया. पुरंदरे ने ऐतिहासिक नाटक जाणता राजा (1985) को लिखा और निर्देशित किया, जिसे 200 से अधिक कलाकारों ने प्रदर्शित किया और पांच भाषाओं में अनुवाद हुआ है. मूल रूप से यह नाटक मराठी में लिखा गया था.