करंट टॉपिक्स

चीन को झटका – बिना बीआइस मार्क के खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध, चीन की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी

Spread the love

नई दिल्ली. सीमा पर चल रहे विवाद के बीच चीन को एक और झटका लगने वाला है. केंद्र सरकार के नए निर्देशों का खिलौना बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है तथा इसका सीधा नुकसान चीन को होगा. केंद्र सरकार ने देशभर के आयातकों और थोक व्यापारियों को निर्देश दिए हैं कि बीआइएस मार्क (भारतीय मानक ब्यूरो) वाले खिलौनों का ही व्यापार करें. सरकार ने घरेलू उत्पादकों को भी बीआइएस द्वारा तय मानक के अनुरूप खिलौने बनाने तथा खुदरा दुकानदारों को यही खिलौने बेचने के निर्देश दिए हैं. जानकारी के अनुसार आयातित खिलौनों में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी चीन की होती है. थाईलैंड और फिलीपींस से भी खिलौने आयात किए जाते हैं. माना जा रहा है कि बीआइएस मार्क सुनिश्चित किए जाने से चीन से खिलौनों के आयात पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंध लग जाएगा.

बीआइएस मार्क के बिना विदेशी खिलौनों के आयात की अनुमति नहीं

आयातित खिलौनों को आकर्षक बनाने में खतरनाक रसायन थाइलेट, आर्सेनिक, शीशा और पारा का प्रयोग किया जाता है. इससे बच्चों के लीवर व किडनी पर बुरा असर पड़ता है. इन खिलौनों के कारण बच्चों की हड्डियों के विकास में अवरोध आता है. उत्पादक व व्यापारी सस्ते के चक्कर में कारोबारी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते. केंद्र सरकार के दिशानिर्देश से स्वमेव गड़बडियां रुक जाएंगी. थोक व्यापारियों के लिए भी बीआइएस मार्क के बिना विदेशी खिलौने के आयात की अनुमति नहीं होगी.

छत्तीसगढ़ के प्रमुख स्टाकिस्ट विवेक देवांगन ने कहा कि बीआइएस मार्क वाले खिलौनों की खरीदी बिक्री के निर्देश केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं. बिना मार्क वाले खिलौनों की खरीदारी व आपूर्ति प्रतिबंधित है. दुकानदारों को इस संबंध में जानकारी दी जा रही है.

 दीवाली पर इलेक्ट्रानिक व्यापारी देंगे चीन को झटका, नहीं बुक किए चाइनीज झालरों के आर्डर

चीन के साथ तनातनी के बाद इस बार दीपावली के लिए चाइनीज झालरों के आर्डर देश के व्यापारियों ने बुक नहीं किए हैं. अगस्त अंत और सितंबर महीने में ही करोड़ों के आर्डर दिए जाते थे. व्यापारी अब खुद ही देसी झालर और फैंसी लाइटें बना रहे हैं. हर साल 10 करोड़ से अधिक रुपये का आर्डर झालरों के लिए चीन को दिया जाता था.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *