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चीनी कंपनियों को झटका – दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे की बोली रद्द

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नई दिल्ली. गलवान घाटी में हिंसक झड़प के पश्चात चीन के खिलाफ कदम उठाने का क्रम जारी है. सरकार विभिन्न स्तरों पर चीनी कंपनियों को बाहर करने के निर्ण ले रही है. इसी क्रम में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के काम के लिए दो चीनी कंपनियों की बोली रद्द कर दी गई है. अब इन कंपनियों को यह ठेका नहीं मिलेगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार परिवहन मंत्रालय ने बताया कि 800-800 करोड़ के दो प्रॉजेक्ट के लिए चाइनीज कंपनी (Jiangxi Construction Engineering Corporation) की सब्सिडियरी को मौका नहीं मिलेगा. दोनों चाइनीज कंपनियों को लेटर ऑफ अवॉर्ड देने से मना कर दिया गया है.

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपना इरादा पहले ही स्पष्ट कर दिया था. पिछले दिनों उन्होंने स्पष्ट कहा था कि किसी भी हाइवे प्रॉजेक्टस में चाइनीज कंपनियों की डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी. वर्तमान में अगर किसी प्रॉजेक्ट में चाइनीज कंपनी का किसी तरह हाथ है तो उस टेंडर को कैंसल कर दोबारा टेंडर जारी किया जाएगा.

इससे पहले रेलवे ने चाइनीज कंपनी को दिया करोड़ों रुपये का ठेका रद्द कर दिया था. उत्तर प्रदेश में भी चाइनीज कंपनियों के ठेके रद्द किये गए हैं. भारत सरकार ने पिछले दिनों 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया..

इकोनॉमिक टाइम्स के समाचार के अनुसार राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने करीब 800 करोड़ रुपये के इन ठेकों को रद्द कर दिया है. दोनों कंपनियां बिड करने में सफल हुई थीं, इसके बावजूद उन्हें लेटर ऑफ अवॉर्ड नहीं दिया गया. यह ठेका अब दूसरी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को दिया जाएगा. दोनों कंपनियां चीन जिगांक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी हैं. भारत चीन को लगातार आर्थिक मोरचे पर घेर रहा है. दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच चाइनीज सामानों का बहिष्कार जारी है.

पिछले महीने भारतीय रेलवे ने एक चीनी कंपनी को दिया 471 करोड़ रुपये का सिगनलिंग का ठेका कैंसिल कर दिया था. यह ठेका पहले बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च ऐंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऐंड टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क को दिया गया था. कई राज्य सरकारों ने भी चीनी कंपनियों को झटका दिया है.

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