प्रतिष्ठा द्वादशी – 11 जनवरी, 2025
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को आगामी 11 जनवरी, 2025 को एक वर्ष पूरा होने जा रहा है. पिछले वर्ष 22 जनवरी पौष शुक्ल द्वादशी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ था और देखते देखते आज एक वर्ष पूरा हो रहा है. जिसके लिये हिन्दू समाज के करोड़ों रामभक्त श्रद्धालुओं ने समूचे देश में संघर्ष किया और यह संघर्ष केवल सडकों पर ही नहीं, अपितु न्यायालयों में काफी लम्बा चला है. इसे कोई भुला नहीं सकता. लेकिन लम्बे संघर्ष और हिन्दू जागरण के विभिन्न कार्यक्रमों की सफलता और उसके परिणामस्वरुप एकजुटता के कारण ही आज हम अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होते देख रहे हैं.
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य निर्माण के लिये लंबे समय तक न्यायालयों में कानूनी संघर्ष चला, ठीक उसी तरह सड़कों पर भी समय समय पर जन आंदोलन करके जनजागरण किया गया. न्यायालय में कांग्रेस के पूर्व सांसद कपिल सिब्बल ने तो इस मामले का पुरजोर विरोध किया, यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय में लगभग 40 दिन 170 घंटे तक नियमित सुनवाई की गई और इसके बाद 9 नवम्बर, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि अर्थात रामलला के पक्ष में अपना फैसला दिया.
ऐसे घटनाक्रम और सड़क तथा अदालतों में संघर्षों के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर गर्भगृह में प्रभु श्री राम के बाल रुप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी) को संपन्न हुई.
अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रति वर्ष इस दिन को .. प्रतिष्ठा द्वादशी .. के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. नये वर्ष में यह दिन 11 जनवरी, 2025 को आया है और इसीलिये हिन्दी पंचांग तिथि के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी को अयोध्या में ट्रस्ट की ओर से विभिन्न धर्मिक अनुष्ठान, वेद पठन, मंत्रोच्चार, रामरक्षा स्तोत्र, विष्णुसहस्त्रनाम पठन आदि के अतिरिक्त सुप्रसिद्ध संगीत गीतकारों के कार्यक्रम की भी प्रस्तृति होगी.
तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय के अनुसार मंदिर परिसर में 18 मंदिरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इनमें परकोटा और उसके परिसर के भीतर दशावतार, शेषावतार, निषादराज, शबरी, अहिल्या, संत तुलसीदास, शिव, सूर्य, मां दुर्गा, अन्नपूर्णा, गणेश, हनुमान आदि के मंदिरों का काम तेजी से चल रहा है. निर्माण कार्य संभवतः जून 2025 तक पूरा हो सकता है. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिये अपोलो अस्पताल की ओर से मंदिर परिसर स्थित श्रद्धालु सुविधा केन्द्र भवन में अंडरग्राउंड हिस्से में 24 घंटे चलने वाला निःशुल्क आपातकालीन मेडिकल केयर सेंटर भी शुरु कर दिया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों एवं समाज के विविध संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गृहसंपर्क अभियान चलाया, जिसमें निमंत्रण के लिये पूजित अक्षत् वितरण का अभियान चला. एक से 15 जनवरी तक चले गृह संपर्क आभियान में सभी प्रान्तों के 5,78,778 गांवों और 4727 नगरों के कुल 19,98,49,071 परिवारों से स्वयंसेवकों सहित 44,98,334 व्यक्तियों ने संपर्क किया. जिस दिन प्राण प्रतिष्ठा का समारोह अयोध्या में हो रहा था तो उसी दिन देशभर के करीब 5 लाख 59 हजार 231 स्थानों पर 9 लाख 85 हजार 625 कार्यक्रम संपन्न हुए, जिसमें 27 करोड़ 81 लाख 54 हजार 665 लोग प्रत्यक्ष रुप से सहभागी हुए थे.
अयोध्या में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब लगभग एक साल होने जा रहा है और इस बीच यहां छोटे व्यापारियों का कारोबार भी अच्छा खासा बढ़ रहा है और दुकानदारों की कमाई में भारी वृद्धि होती दिखाई दे रही है. मंदिरों के आसपास फूलमाला, प्रसाद के साथ श्रीराम की मूर्तियों को तीर्थयात्री श्रद्धालु अपने साथ घर ले जाते हैं. धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है और अनुमान के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या आगरा में ताजमहल को देखने आने वाले पर्यटकों की अपेक्षा कई गुना अधिक है.
मंदिर निर्माण शुरु होने से पहले और अब जब मंदिर बनने के बाद से हिन्दू समाज के सभी वर्गों में जो जनजागरण होता दिखाई दे रहा है, वह निश्चित रूप से देश में हिन्दुत्व और सांस्कृतिक जागरण के प्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में हमें दिख रहा है.
प्रमोद मजूमदार