अयोध्या धाम। प्रयागराज महाकुम्भ के कारण श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अयोध्या के आस-पास के क्षेत्र के भक्तों से दर्शन के लिए 15-20 पश्चात आने का आग्रह किया है। जिससे दूर से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रभु श्री रामलला के सुविधापूर्वक दर्शन हो सकें।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रयागराज महाकुम्भ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान है। अनुमान है कि लगभग 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में स्नान करेंगे। बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या जी पहुंच रहे हैं। ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से अयोध्या जी में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अयोध्या धाम की जनसंख्या एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और इसी कारण भक्तों को परेशानी हो रही है। परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि व्यवस्थाओं में उपयुक्त परिवर्तन किए जाएं। भक्तों को अधिक पैदल भी चलना पड़ रहा है।
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तीर्थ क्षेत्र ने निवेदन किया कि पास-पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने हेतु अयोध्या जी पधारें ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त अभी सुविधा से प्रभु के दर्शन कर सकें। इससे सभी को सुविधा होगी। बसंत पंचमी के बाद फरवरी मास में काफी राहत रहेगी तथा मौसम भी अच्छा हो जाएगा। आसपास के भक्त यदि तब का कार्यक्रम बनाएं तो श्रेष्ठ रहेगा।