भोपाल. सेवा भारती द्वारा समाज के सेवित जन और सेवक जन के बीच सेतू बनने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है. इसी तारतम्य में तीन लक्ष्य आधारित यथा – सेवा कार्य में गति प्रदान करने, सेवा कार्य से जन मानस को जोड़ने और सेवा के अभाव से कोई वंचित न रहे इसलिए सेवा कार्यों के प्रचार-प्रसार के लिए मकर संक्राति से एक अभियान प्रारंभ किया जा रहा है. यह अभियान एक माह तक चलेगा. अभियान के स्वरूप और लक्ष्य को कार्यकर्ताओं तथा संपर्कित महानुभावों तक पहुंचाने के लिए 8 जनवरी को मध्यभारत प्रांत के समस्त 16 जिलों में एक साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में सेवा भारती द्वारा किये गये सेवा कार्यों का वृत्तचित्र (डाक्यूमेंट्री फिल्म) का प्रदर्शन, स्मारिका और बुकलेट का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में सेवा भारती का कार्य, कार्यकर्ता और सेवा कार्य में लगने वाले धन के महत्व पर विचार हुआ. सेवा भारती के तीसरे आयाम स्वावलम्बन के आधार पर ‘स्वावलम्बी भारत के निर्माण’ के लिए धन संग्रह की योजना भी बनी. संगठन की योजना है कि संग्रहित धन को समाज के वंचित, शोषित, पिछड़े आदि जन के समग्र उत्थान के लिए कार्य किया जाएगा.
भारतीय संस्कृति के मूल में जीव और प्रकृति सेवा विद्यमान है. ज्ञान के अभाव के कारण मूलभूत सुविधाओं से देश के वंचित समाज की सेवा के दायित्व का निर्वहन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग और सेवा भारती मध्यभारत द्वारा विगत 32 वर्षों से किया जा रहा है. सेवा भारती द्वारा सेवा कार्य के लिए लक्षित शहरों की झुग्गी (सेवा) बस्तियां, गावं और वनांचल क्षेत्र है. सेवा कार्य करने के लिए सेवा भारती ने शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरण और स्वावलम्बन कुल चार आयाम निर्धारित किया है. सेवा कार्य में समयदानी कार्यकर्ताओं के साथ धन की महती भूमिका है.