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अभाव में ग्रस्‍त बच्‍चों की शिक्षा एवं चिकित्‍सा के लिए समाज को प्रयास करना चाहिये

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लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेरित संस्‍था ‘प्रेरणा’ की ओर से रविवार को शारदीय नवरात्रि चतुर्थी के पावन अवसर पर हजरतगंज स्थित राजभवन में 5875 कन्‍याओं का पूजन, वंदन एवं कन्‍याभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्‍य अतिथि उत्‍तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जिस प्रकार हम भारत माता की पूजा करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें कन्‍याओं की भी पूजा करनी चाहिये. महिलाएं सर्वशक्तिमान होती हैं. अभाव में ग्रस्‍त बच्‍चों की शिक्षा एवं चिकित्‍सा के लिए सबको प्रयास करना चाहिये.

कार्यक्रम में राज्‍यपाल ने कहा कि राजभवन का यह बड़ा क्षेत्र आज इतनी बड़ी संख्‍या में बेटियों की उपस्थिति की पवित्रता से खिल गया है. इतने बड़े स्‍तर पर कार्यक्रम को आयोजित करने के लिये आयोजकों को हार्दिक बधाई. ‘जब हम सोचते हैं कि भारत विकसित राष्‍ट्र बने तो इसकी जिम्‍मेदारी इन बच्‍चों के कंधे पर ही आ जाती है. अत: समाज के सशक्‍त लोगों का भी यह दायित्‍व है कि मलिन बस्तियों (सेवा बस्‍ती) में रहने वाले बच्‍चों की शिक्षा, चिकित्‍सा एवं उचित पालन-पोषण के लिये आगे आएं.’

उन्‍होंने कहा कि आर्थिक अभाव में ग्रस्‍त होने के कारण इन बच्‍चों का उचित प्रकार से पालन-पोषण नहीं हो पाता है. ‘इस तरह के आयोजनों से इन बच्‍चों को प्रेरणा मिलती है कि वे भी बड़े होकर अपने समाज और देश के लिये कुछ अच्‍छा करें.’ उन्‍होंने उपस्थित कन्‍याओं से कहा कि राजभवन के दरवाजे बच्‍चों के लिये सदैव खुले रहते हैं.

कार्यक्रम का आरम्‍भ सेवा बस्‍ती में रहने वालीं 108 कन्‍याओं के मधुर गान के साथ हुआ. तदोपरान्‍त 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने कन्‍याओं के चरण धोए एवं तिलक लगाकर उनका वंदन किया.

485 सेवा बस्तियों में रह रहीं कन्‍याओं को किया आमंत्रित

कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक कौशल कुमार ने आयोजकों सहित राज्‍यपाल महोदया का अभिनन्‍दन किया. उन्‍होंने बताया कि कार्यक्रम में 480 ग्रामों की 485 सेवा बस्तियों में रह रहीं कन्‍याओं को आमंत्रित किया गया था. 5100 कन्‍याओं को भोज कराने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था, मगर यह संख्‍या 5875 तक पहुँच गयी. इसके लिये प्रेरणा संस्‍था के सदस्‍यों सहित ग्रामीण एवं नगरीय सेवा बस्तियों में अपनी सेवा देने वाली विभिन्‍न संस्‍थाओं और उनके सदस्‍यों सहित शिक्षा क्षेत्र में अनूठा कार्य करने वाले संगठन एकल अभियान का आभार जताया. उन्‍होंने कहा कि सनातन संस्‍कृति में उत्‍सव और पर्व मनाने की विशेष परम्‍परा रही है. इससे हमारे संस्‍कार पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते रहते हैं. उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि भावी पीढ़ी में संस्‍कृति का संचार करने के लिये उत्‍सव एवं पर्वों को मनाने की परम्‍परा का पालन करना ही चाहिये. साथ ही, हमें संयुक्‍त परिवार को बिखरने से बचाने के लिये कुटुम्‍ब प्रबोधन पर कार्य करना चाहिये. ऐसा करने के बाद ही हम समाज में बढ़ते वृद्धाश्रमों की संख्‍या को कम कर स‍कते हैं. उन्‍होंने शिक्षकों को भी बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान देने की आवश्‍यकता पर बल दिया.

सेवा बस्‍ती की कन्‍याओं ने किये सांस्‍कृतिक कार्यक्रम

वहीं, मंच का संचालन कर रहीं शिखा भार्गव ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्‍यों का आभार जताया. उन्‍होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का पर्याय यह है कि यही कन्‍याएं बड़ी होकर एक आदर्श समाज का निर्माण करती हैं. आदिवासी, वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्‍या देवी है. इनकी शिक्षा और सुरक्षा हमारा प्रमुख दायित्‍व है. प्रेरणा संस्‍था की ओर से ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करना वंदनीय कार्य है. इस अवसर सेवा बस्तियों में रहने वालीं बालिकाओं ने सांस्‍कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये. उन्‍होंने मंच पर जो वस्‍त्र पहने थे, वह भी उन्‍होंने स्‍वयं ही तैयार किये थे.

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