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अहिल्यादेवी के जीवन से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए

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नई दिल्ली। रविवार एक जून को कांस्टीट्यूशन क्लब में लेखक डॉ. प्रवीण दाताराम गुगनानी की पुस्तक “जय-जय जयतु अहिल्या बाई” का विचोन हुआ। पुस्तक विमोचन समारोह में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव एवं वरिष्ठ प्रचारक अतुलभाई कोठारी, विमर्श के संयोजक मुकुल कानिटकर, मप्र शासन के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेत्री व मंडी से लोकसभा सांसद कंगना रनौत, प्रकाशक प्रशांत जैन मंच पर उपस्थित रहे।

मुकुल कानिटकर ने कहा कि अहिल्यादेवी के जीवन से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। इतना संघर्ष भरा जीवन होने के बाद भी इतने बड़े-बड़े कार्य कर जाना सरल नहीं होता, किंतु अहिल्यादेवी तो जैसे लौह महिला थीं।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि केवल मालवा ही नहीं समूचा देश अहिल्यादेवी का ऋणी है। मैं इंदौर निवासी होने के नाते माता अहिल्या के प्रति बड़ा गौरान्वित आभास करता हूँ। उनके पदचिह्न पर चलकर हम इस देश को पुनः महान बना सकते हैं। वे महान अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री, योद्धा होने के साथ-साथ अनेकों हिन्दू मंदिरों की उद्धारक व निर्माता थीं।

अतुल भाई कोठारी ने कहा कि अहिल्यादेवी का जीवन हमारे देश के स्त्री विमर्श की पहचान है। हमें इस पुस्तक में उनके जीवन चरित्र को पढ़कर संकल्प लेना चाहिए, तब ही अहिल्यादेवी की 300वीं जयंती का आयोजन सफल होगा।

अभिनेत्री कंगना रणौत ने कहा कि अहिल्यादेवी पर लिखित प्रवीण दाताराम की पुस्तक पढ़कर मुझे उनके जीवन के अनछुए अध्याय पता चले हैं। पुस्तक में लिखी कथाओं पर मैं शीघ्र ही देवी अहिल्या पर एक फ़िल्म का निर्माण करूँगी।

अंत में आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के आयोजक प्रशांत जैन, किताबवाले प्रकाशन ने किया।

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