झाबुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मालवा प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (व्यवसायी) प्रकट कार्यक्रम के साथ पेटलावद में संपन्न हुआ। शारीरिक कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने समता, योग, घोष और दंड (लाठी) संचालन प्रयोगों का प्रदर्शन किया। जिसे देखने के लिए जिले भर से हजारों की संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।
वर्ग सर्वाधिकारी जी सुरजीत सिंह जी जुनेजा, श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर स्वामी श्री जितेंद्रानंद जी महाराज, नरसिंहानंद सेवा आश्रम रायपुरिया, जिला संघचालक मानसिंह जी भूरिया, मुख्य वक्ता प्रांत कार्यवाह विनीत जी नवाथे मंचासीन रहे।
विनीत जी नवाथे ने कहा कि डॉक्टर हेडगेवार ने हिन्दू गौरव की स्थापना कर राष्ट्र के नव निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। संघ पर तीन-तीन बार प्रतिबंध लगा, परंतु संघ प्रत्येक बार नई शक्ति से आगे बढ़ा। राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, समाज व राष्ट्र जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में धर्मयुक्त संरचनाओं का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि हमारे वेद हमें प्रकृति की पूजा करना सिखाते हैं। आज जनजाति समाज वेदों में कही गई हमारी परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए हुए है। शताब्दी वर्ष में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पांच बातों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक अनुशासन। इन पांच परिवर्तनों से ही राष्ट्र में धर्म व्यवस्था स्थापित होगी।