रायपुर. देशभर में लाखों पशुओं की हत्याएँ होती हैं. लेकिन, सुनने में आया है कि इस बार 29 जून को मनाए जाने वाले ईद-उल-जुहा पर भारत के स्थान-स्थान में लाखों गौवंश को काटने के लिए पहले से ही लाकर रखा गया है. हालांकि, दुनियाभर के अन्य देशों में ईद पर गौवंश नहीं काटा जाता तो, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में ही गौवंश को काटने का षड्यन्त्र और हठ क्यों किया जाता है? निश्चित ही, हिन्दुओं की आस्था को चोट पहुंचाने के लिए गौवंश की दुर्दान्त हत्याएं की जाती हैं और इस बार भी उनकी योजना है जो हिन्दू समाज को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है. भारत भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण, श्री महावीर, श्री बुद्ध तथा श्री गुरुनानक जी की धरती है, जहां हिन्दू गौवंश की रक्षा के लिए कटिबद्ध है.
अभी हाल ही में नांदेड महाराष्ट्र में गौवंश को एक स्थान में रखे जाने की बजरंग दल को झूठी सूचना दी. निहत्थे बजरंग दल के कार्यकर्ता जब वहां पहुंचे तो पहले से ही हथियारबंद अपराधियों ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया, जिसमें एक बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या भी कर दी गई. सम्पूर्ण गौभक्त हिन्दू समाज को ऐसे षड्यन्त्रों से सावधान रहने की आवश्यकता है.
गौवंश की रक्षा करने की देश में परम्परा है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा भारतीय कानून देश में गौवंश हत्या निषेध करते हैं. विश्व हिन्दू परिषद देश की सभी राज्य सरकारों से आग्रह करती है कि ईद-उल-जुहा पर होने वाली गौवंश की हत्याओं को रोकें. बजरंग दल के कार्यकर्ता गौवंश की रक्षा के लिए कटिबद्ध हैं, जो लोकतान्त्रिक तरीके से अपना काम करेंगे.