शिमला. श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समाज का प्रत्येक व्यक्ति सहयोग करने के लिए उत्सुक है. लोग प्रभु श्रीराम के चरणों मे अपनी श्रद्धा व समर्पण पहुंचाना चाहते हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान में लगे कार्यकर्ताओं के सामने दिल को छू जाने वाले विभिन्न प्रकार के अनुभव आ रहे हैं जो श्रीराम के प्रति अगाध श्रद्धा व समर्पण भाव को दर्शाते हैं.
ऐसा ही एक मर्मस्पर्शी अनुभव हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में देखने को मिला. अस्पताल में अपनी मृत्यु से जंग लड़ रहे चंबा के देवीचंद ने भी श्रीराम के चरणों में अपना समर्पण दिया.
57 वर्षीय देवीचंद कैंसर के मरीज हैं और कैंसर की अंतिम अवस्था से जूझ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. देवीचंद व उनके परिवार की प्रभु श्रीराम के प्रति अगाध आस्था है. जब परिवार के सदस्यों को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की जानकारी मिली तो परिवार के सदस्यों ने निधि समर्पण अभियान से जुड़े कार्यकर्ता सुमित जी से अनुरोध किया कि वे अस्पताल में आकर उनका समर्पण स्वीकार करें. अस्पताल में भर्ती, बोलने में असमर्थ, ऑक्सीजन पाइप के सहारे सांसे भरते देवीचंद की श्रीराम मंदिर में सहयोग की दिली इच्छा को पूरा किया.
देवीचंद के पुत्र संजय बताते हैं कि वे स्वयं और उनका परिवार निधि समर्पण अभियान का हिस्सा बनना चाहते थे. लेकिन पिता की बीमारी व अस्पताल में भर्ती होने के कारण वे इस पुण्य कार्य में अपना सहयोग न दे पाए, लेकिन अपने पिता के मन की इच्छा को पूरा करके वे सन्तुष्ट हैं.
श्रीराम के चरणों में समर्पण देने की मां की इच्छापूर्ति
उदयपुर.
सरदारशहर के गणेश जी की बाड़ी मोहल्ले में रहने वाली चंदा देवी धर्मपत्नी मोहनलाल शर्मा गत 15 वर्षों से फ्लोराइड से पीड़ित हैं. इस कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं. उनके पुत्र उनकी देखभाल करते हैं.
श्रीराम जन्मभूमि के प्रथम अभियान में प्रभु श्रीराम के मंदिर के निमित्त उन्होंने सवा रुपये का समर्पण दिया था. तब से ही इनकी कामना थी कि भगवान श्रीराम जी के मंदिर का निर्माण जब भी हो तो उसके लिए उनके हाथ से कुछ न कुछ समर्पण अवश्य हो.
और अब…, अत्यधिक बीमारी की अवस्था में चंदा देवी ने बेटे से कहा – मैं कब तक हूं इस दुनिया में पता नहीं. लेकिन मेरी अंतिम इच्छा है कि राम काज के लिए मैं अपने हाथों से कुछ अर्पित करूं… तो बेटा भी भावुक हो गया. और उनकी इच्छा पूर्ति के लिए उन्होंने संघ के जिला संघचालक डॉ. बनवारी लाल शर्मा से सम्पर्क किया तथा अपनी माता जी की इच्छा अनुरूप निधि समर्पण का आग्रह किया. चंदा देवी के तीन पुत्र हैं, रामस्वरूप, लक्ष्मीनारायण और सत्यनारायण. रामस्वरूप ने जब मां के मन की बात दोनों भाइयों को बताई तो उन्होंने भी मां की इच्छा का सम्मान किया और साधारण परिवार के तीनों पुत्रों ने मिलकर मां के आग्रह और इच्छा अनुरूप अपनी बचत से 11,000 की राशि का माताजी के हाथों से समर्पण करवाया.