नई दिल्ली. पिनाक एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम (पिनाक विस्तृत मारक प्रणाली), एरिया डिनायल म्यूनिशंस (एडीएम) और न्यू इंडीजिनस फ्यूज़ (नव स्वदेशी विस्फोटक) का सफल परीक्षण विभिन्न परीक्षण स्थलों पर सम्पन्न हुआ. पिनाक-ईआर मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का सफल परीक्षण पोखरण रेंज में किया गया. प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं – पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (एआरडीई) तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है.
पिनाक-ईआर पुराने पिनाक संस्करण का उन्नत संस्करण है. पहले वाले पिनाक रॉकेट पिछले दशक से भारतीय सेना में शामिल हैं. इस प्रणाली की डिजाइन को मारक दूरी बढ़ाने की उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ नई जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
पिनाक की बढ़ी हुई मारक क्षमता तय हो जाने के बाद डीआरडीओ ने प्रणाली की प्रौद्योगिकी को उद्योग को हस्तांतरित कर दिया. उद्योग साझेदार ने उक्त पिनाक एमके-1 रॉकेट का निर्माण किया. उत्पादन और गुणवत्ता पालन के लिये डीआरडीओ ने पूरा सहयोग किया था. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की निरंतरता के मद्देनजर उद्योग द्वारा विकसित रॉकेटों को क्षमता मूल्यांकन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ा. उत्पादन, गुणवत्ता पालन और थोक उत्पादन के समन्वय में सहयोग डीआरडीओ की डिजाइन टीम ने किया. इसके अलावा प्रणाली की गुणवत्ता की जांच के लिये नियुक्त एजेंसी ने भी सहयोग दिया.
सेना के साथ डीआरडीओ ने पिछले तीन दिनों के दौरान फील्ड फायरिंग रेंज में रॉकेटों की मारक क्षमता का मूल्यांकन तथा परीक्षण किया. इन परीक्षणों में, उन्नत मारक क्षमता वाले पिनाक रॉकेटों का परीक्षण विभिन्न विस्फोटक क्षमताओं के साथ भिन्न-भिन्न दूरी से किया गया. सारे परीक्षण लक्ष्यों की पूर्ति संतोषजनक रही. विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा. अब उद्योग साझेदार रॉकेट प्रणाली की पूरी श्रृंखला के उत्पादन के लिये तैयार है.
पिनाक रॉकेटों के लिये स्वदेशी स्तर पर विकसित फ्यूजों का भी परीक्षण किया गया. पुणे स्थित एआरडीई ने पिनाक रॉकेटों के लिये विभिन्न फ्यूज विकसित किये हैं, जिनका भिन्न-भिन्न उपयोग है. पहले निर्माण करने के लिये इनका डिजाइन तैयार किया गया. उसके बाद फ्यूजों की कुशलता का मूल्यांकन किया गया, जिसके लिये उड़ान परीक्षण पूरा किया गया. लगातार उड़ान परीक्षणों में फ्यूज का प्रदर्शन सटीक रहा.
इनका विकास समर्पित स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के जरिये देश में पहली बार किया गया है. स्वदेशी स्तर पर विकसित ये फ्यूज, आयातित फ्यूजों की जगह लेंगे तथा इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी. दोहरे उद्देश्य वाले डायरेक्ट-एक्शन सेल्फ डिस्ट्रक्शन (डीएएसडी) और एंटी-टैंक म्यूनिशन (एटीएम) फ्यूजों का उड़ान परीक्षणों के दौरान मूल्यांकन किया गया. इनके नतीजे भी संतोषजनक रहे. सभी उपरोक्त परीक्षणों में सभी मिशन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया.