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दुनिया भर में एक करोड़ से अधिक लोगों ने सूर्य नमस्कार किया

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भारत का दुनिया भर को स्वस्थ रहने का संदेश

नई दिल्ली. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम को देश-दुनिया में उत्साह के साथ समर्थन मिला. तन-मन को स्वस्थ रखने और कोविड काल में खुद को सुरक्षित रखने के लिए देश-विदेश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने कोविड नियमों का पालन करते हुए अपने अपने स्थान पर सूर्य नमस्कार किया. भारत में कार्यक्रम की शुरूआत केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई ने वर्चुअल तरीके से की. इस अवसर पर बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, श्री श्री रविशंकर, सद्गुरु जग्गी वासुदेव और देश-विदेश से बड़ी हस्तियां जुड़ीं. सुबह 7 से 8 बजे तक दूरदर्शन पर इसका सीधा प्रसारण हुआ.

भारत, इटली, अमेरिका, सिंगापुर, श्रीलंका और जापान सहित अनेक देशों में शुक्रवार को सूर्य नमस्कार के साथ दिन की शुरूआत हुई. इस दौरान केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व पर सूर्य अपना पथ बदलकर उत्तरायण में प्रवेश करते हैं, जिसे भारतीय परंपरा में शुभ माना जाता है, इसलिए सूर्य की उपासना भारत में भक्ति-भावना से की जाती है. योग परंपरा में सूर्य अराधना को सूर्य नमस्कार के ज़रिए लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए किया जाता है.

देश भर में अनेक सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं, विभिन्न मंत्रालयों-विभागों से जुड़े लाखों लोगों ने सूर्य नमस्कार में भाग लिया. आयुष मंत्रालय के साथ ही केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय समेत, गृह, रक्षा और शिक्षा मंत्रालय और उनके अधीन आने वाली इकाइयों ने हिस्सा लिया.

खुशी और सद्भाव के इस पर्व पर सूर्य नमस्कार फिट और हिट रहने का सबसे बेहतर उपाय है. सूर्य नमस्कार पर हुए अध्ययन बताते हैं कि ये हमारी इम्यूनिटी को मज़बूत करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता करता है. सूर्य नमस्कार जीवनी शक्ति बढ़ाने में मदद करता है.

देश-विदेश के अलग-अलग स्थानों पर भी सूर्यनमस्कार प्रदर्शन को सीधे प्रसारण में दिखाया गया.

इसी सीधे प्रसारण के दौरान योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि “सूर्य नमस्कार जीवनी शक्ति का आधार” थीम पर सूर्य नमस्कार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक बहुत बड़ा आंदोलन है. योग का अर्थ लोगों को जोड़ना होता है और यह अभियान वही कर रहा है. सूर्य नमस्कार के ज़रिए आज 75 लाख से अधिक लोग एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व को एकता के सूत्र में पिरोने का मंत्र दे रहे हैं. सनातनी परंपरा में सिर्फ कोरोना का ही नहीं, बल्कि अनेकों शारीरिक-मानसिक समस्याओं का समाधान है. इस दौरान उन्होंने एक शोध आधारित किताब का लोकार्पण भी किया.

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि इस दिन सूर्य नमस्कार करने से हम सूर्य की ऊर्जा से एक नया इतिहास रच सकते हैं. विश्व को सूर्य की ऊर्जा के उपयोग का मंत्र भी भारत ने ही दिया है. सूर्य की ऊर्जा से हमारे भीतर रोग निरोधक शक्ति जागती है, जो हमें इस वैश्विक महामारी से बचा सकती है. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव सद्गुरू ने कहा कि संसार में सब कुछ सूर्य की ऊर्जा से ही संचालित होता है. रोज़ाना सूर्य नमस्कार करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है.

मिस वर्ल्ड जापान 2021 तमाकी होशी भी वर्चुअली जुड़ीं और उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार की यह पहल महामारी के दौर में हर इंसान के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है. जापान में भी बड़ी संख्या में लोग सूर्य नमस्कार कर रहे हैं और अनेकों लोग योग को प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में शामिल कर चुके हैं. इटली योग संस्थान की अध्यक्ष डॉ. एंटोनिटा रोज़ी ने भी सूर्य नमस्कार कर लोगों से स्वस्थ रहने की अपील की. अमेरिकन योग अकादमी के अध्यक्ष डॉ. इंद्रनील बसु रॉय, सिंगापुर योग संस्थान के सदस्य भी कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े और कोविड नियमों का पालन करते हुए सूर्य नमस्कार किया.

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