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सीएनजी कारों को चलाने के लिए बायोगैस का उपयोग करेगी सुजुकी मोटर्स

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नई दिल्ली. वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (SMC) ने कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन से निपटने के उद्देश्य से घोषणा की कि वह बायोगैस का उत्पादन करने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल करेगी, जिसका उपयोग देश में CNG कारों को चलाने के लिए किया जा सकता है. यह घोषणा वित्त वर्ष 2030 के लिए सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन की विकास रणनीति का हिस्सा है.

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने बायोगैस के वेरिफिकेशन (सत्यापन) के लिए भारत सरकार की एजेंसी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और एशिया की सबसे बड़ी डेयरी निर्माता बनास डेयरी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. कंपनी ने Fujisan Asagiri Biomass LLC में भी निवेश किया है, जो जापान में गाय के गोबर से हासिल बायोगैस का उपयोग करके बिजली पैदा करती है.

मारुति फिलहाल 14 सीएनजी मॉडल बेचती है, जिनमें ऑल्टो, ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, सेलेरियो, ईको, वैगनआर, स्विफ्ट, डिजायर, अर्टिगा, बलेनो, एक्सएल6, ग्रैंड विटारा, टूर एस और सुपर कैरी शामिल हैं. भारत के सीएनजी कार बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी करीब 70 प्रतिशत है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने कहा, “हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय बाजार वित्त वर्ष 30 तक बढ़ेगा, उत्पादों से CO2 उत्सर्जन में कमी के बावजूद, हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कुल CO2 उत्सर्जन राशि में बढ़ोतरी को रोका नहीं जा सकता है. हम बिक्री यूनिट्स को बढ़ाने और कुल CO2 उत्सर्जन को कम करने के बीच संतुलन बनाने की चुनौती देंगे.”

कंपनी ने कहा, “इस चुनौती से निपटने के लिए सुजुकी की अनूठी पहल बायोगैस व्यवसाय है, जिसमें गाय के गोबर से हासिल बायोगैस का उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी, गोबर जो डेयरी अपशिष्ट हैं, यह मुख्य रूप से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं.” यह बायोगैस इसके सीएनजी मॉडल के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

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