मुंबई. कोंकण के दुर्गम गांव दरिस्ते की स्वप्नाली को अब भरी भारिश में, पहाड़ी पर झुग्गी में पढ़ाई करने की आवश्यकता नहीं होगी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मामले में हस्तक्षेप किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के पश्चात स्वप्नाली के गांव में उसके घर तक इन्टरनेट सुविधा सुनिश्चित की गई है. अब वह अपने कॉलेज के लेक्चर्स घर से ही अटेंड कर पाएगी.
मुंबई के पशुवैद्यकीय महाविद्यालय में पढ़ने वाली स्वप्नाली सुतार को लॉकडाऊन के चलते गांव में ही रहना पड़ा. गांव में नेटवर्क न आने के कारण ऑनलाइन लेक्चर में बैठने के लिए उसे दिन भर पहाड़ी पर झुग्गी में रहना पड़ रहा था. क्योंकि मोबाइल में इंटरनेट के लिये सिग्नल उस पहाड़ी पर ही आ रहा था. परेशानियों का सामना करते हुए भी वह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी. स्वप्नाली की कहानी मीडिया की सुर्खियों में आई तो पढ़ाई के लिए दिन भर झुग्गी में रहने वाली छात्रा ने सब का ध्यान आकर्षित किया. स्वप्नाली की कहानी प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंची.
ऑल इंडिया रेडियो के वृत्त के अनुसार स्वप्नाली के संघर्ष के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी मिलते ही समस्या के समाधान के निर्देश दिये गए. इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं भारती नेट दरिस्ते गांव तक पहुंचा. ग्राम पंचायत से लेकर स्वप्नाली के घर तक आवश्यकता अनुसार केबल डाली गई, इंटरनेट कनेक्शन प्रदान का गया. इंटरनेट की समस्या का समाधान होने के बाद स्वपनाली अब अपने घर से लेक्चर अटेंड कर पाएगी. स्वप्नाली ने प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश के पश्चात हुई कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.