करंट टॉपिक्स

स्वरुपवर्धिनी, सेवा सहयोग और सुराज्य प्रकल्प के स्वयंसेवक २४ घंटे कार्यरत, 139 शवों का अंतिम संस्कार किया

Spread the love

पुणे. कोरोना के कारण अपने प्राण गंवाने वाले व्यक्तियों के अंतिम संस्कार का सेवा कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्वरूपवर्धिनी, सेवा सहयोग और सुराज्य प्रकल्प के माध्यम से प्रारंभ किया है. पुणे महानगरपालिका के सहयोग से वैकुंठ शमशानभूमि में चौबीस घंटे यह व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है.

पिछले कुछ दिनों से सभी शमशान भूमियों में अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतराज करना पड़ रहा है. यह स्थिति देखकर शमशान ने अन्य दो शेड में लकड़ियों पर अंतिम संस्कार करने की सुविधा उपलब्ध कराई. यहां पर कोरोना के कारण मृत व्यक्तियों का अंतिम संस्कार की रचना खड़ी की गई है. स्वयंसेवकों के लिये चरणजीत सहानी मित्र परिवार एवं क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर आदि साहित्य दिया गया. क्रिएटिव फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप खर्डेकर द्वारा संघ के महानगर सह-कार्यवाह और समर्थ भारत के संयोजक सचिन भोसले ने यह साहित्य स्वीकार किया. स्वरूपवर्धिनी के निलेश धायरकर, सेवा सहयोग के अतुल नागरस, सुराज्य प्रकल्प के विजय शिवले समेत दलजीत सिंग रैक, शैलेश बदडे, एडवोकेट सुनील ठाकुर आदि गणमान्य सेवा कार्य शुरू होने पर उपस्थित रहे.

इस सेवा कार्य के बारे में समर्थ भारत के संयोजक सचिन भोसले ने बताया, कि यहाँ पर कुछ ही परिजनों को उपस्थित रहने की अनुमति है. उनकी परेशानी को ध्यान में लेकर अंतिम संस्कार का यह कार्य प्रारंभ हुआ. चिता तैयार करने के साथ सभी कार्य स्वयंसेवकों द्वारा किये जा रहे हैं.

ऐसे चल रहा है सेवा कार्य

– आठ घंटों के तीन शिफ्ट

– कार्यरत हर शिफ्ट में छह से सात स्वयंसेवक कार्यरत

– ससून अस्पताल में चौबीस घंटे पास देने की सुविधा

– इस सुविधा के लिये तीन शिफ्ट में दो-दो स्वयंसेवकों की नियुक्ति

– हर स्वयंसेवक का सात दिनों तक संस्थात्मक क्वारेंटाइन

सेवा कार्य प्रत्यक्ष रूप से शुरू हो गया है. यहाँ पर कार्यरत स्वयंसेवकों को संस्थात्मक क्वारेंटाइन किया जा रहा है. मृत्यु पश्चात पास निकालने की व्यवस्था कार्यरत संस्था द्वारा ससून अस्पताल में की गई है. – सचिन भोसले, संयोजक, समर्थ भारत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *