इंदौर. देवी अहिल्या की नगरी इंदौर को लेकर कहा जाता है कि यहां कोई भी व्यक्ति भूखा और प्यासा नहीं रह सकता. लेकिन शहर की अंतरआत्मा को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई. शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र रीगल चौराहे पर DIG कार्यालय के पास एक व्यक्ति गंभीर हालत में पड़ा हुआ था. उसके जख्मों पर कई गंभीर निशान थे. वहां से निकलने वाले लोगों ने उसे देखा, लेकिन मदद के लिए कोई भी आगे नहीं आया.
जब सोमवार को वहां से स्वयंसेवक हितेश शर्मा की नजर उस व्यक्ति पर पड़ी, तो स्वयंसेवक हितेश शर्मा, दीपक चौहान और जितेंद्र गुप्ता तुरंत उसके पास पहुंचे और फिर संघ के स्वयंसेवकों ने खुद ही एम्बुलेंस की मदद से व्यक्ति को इलाज के लिए एमवाय अस्पताल पहुंचाया. यही नहीं स्वयंसेवकों ने एमवाय पहुंचकर उसका इलाज प्रारंभ करवाया. साथ ही पीड़ित व्यक्ति और उसके साथी के भोजन का भी प्रबंध किया और किसी भी तरह की सहायता के लिए अपने नंबर भी दिए.
युवक बड़वाह का रहने वाला है. गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को उसके परिजनों ने इलाज के लिए अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन पैसे ख़त्म होने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने इलाज करने से मना कर दिया. इसके बाद वह ठंड में करीब चार दिनों से DIG ऑफिस के बाहर पड़ा हुआ था. उसके जख्मों पर मच्छर-मक्खियां बैठ रहे थे और वह दर्द से तड़प रहा था. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा के लिए आगे आए. कोरोना काल में भी स्वयंसेवको ने लोगों की हर संभव सहायता की थी.