करंट टॉपिक्स

धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए डी-लिस्टिंग आवश्यक – संत समाज

उदयपुर. उदयपुर के संत समाज ने कहा कि धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए डी-लिस्टिंग आवश्यक है. इसके लिए सर्वसमाज को एकजुट होना होगा और जनजाति...

‘राणा जाया-भील जाया, भाई-भाई’ – महाराणा प्रताप ने सामाजिक समरसता का प्रतिमान भी स्थापित किया

उदयपुर. प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप महापुरुष की परिभाषा से भी अधिक एक पूरा युग हैं, जो राष्ट्र निर्माण और भारत माता की निःस्वार्थ...

डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली – जनजाति बंधु-बांधवों के लिए उदयपुर शहर के हर घर से भोजन पैकेट तैयार होगा

18 जून को जनजाति समाज की डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली के करपत्रक का विमोचन उदयपुर. हल्दीघाटी युद्ध दिवस 18 जून को उदयपुर शहर में जनजाति समाज...

जनजाति समाज के अस्तित्व को बचाने जागरूकता की आवश्यकता – भगवान सहाय

उदयपुर में 18 जून को जनजाति समाज भरेगा हुंकार उदयपुर. जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते...

नववर्ष स्वागत के लिए पूज्य संत व युवा संगम संपन्न

सभी सनातन धर्म ग्रंथों को आगे रखकर निकाली जाए शोभायात्रा उदयपुर. प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नव वर्ष के निमित्त भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति...

क्या वास्तव में भारत में मुस्लिम ‘असुरक्षित’ हैं?

बलबीर पुंज गत दिनों राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भारत को मुस्लिमों के लिए असुरक्षित बताते हुए कहा, "...हमने अपने-अपने...

प्रतिनिधियों को दी जाएगी हल्दीघाटी और मानगढ़ धाम की माटी

जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के जयपुर में आयोजित अधिवेशन में देशभर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित नेपाल से भी प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. अधिवेशन...

उदयपुर का ‘प्रताप गौरव केंद्र’

उदयपुर पर्यटन नगरी है, झीलों की नगरी है. शान-शौकत, ऐशो-आराम की नगरी हैं. फाइव स्टार, सेवन स्टार हॉटेल का शहर है. डेस्टीनेशन वेडिंग का स्थान...

पारम्परिक सांस्कृतिक मूल्यों वाले भारत को फिर से गढ़ने की आवश्यकता – डॉ. दिनेश जी

उदयपुर. ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो. प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो....’ भारत में प्रतिदिन आरती के साथ दोहराए जाने...

महिलाएं ही परिवार, समाज और देश की मूलाधार हैं – शांताक्का जी

उदयपुर. राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी ने कहा कि इतिहास साक्षी है नारी धरणी, भरणी, तारिणी व संहारिणी है. समय काल परिस्थिति...