करंट टॉपिक्स

नक्सली आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई से “सब डरे हुए हैं”

बीजापुर (छत्तीसगढ़) में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 26 नक्सली आतंकियों के मारे जाने के बाद घटनास्थल से एक पत्र मिला है। यह पत्र...

अर्बन नक्सलियों पर शिकंजा; ‘महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक’ विधानसभा में पेश

मुंबई. महाराष्ट्र में भी अर्बन नक्सलियों पर जल्द शिकंजा कसने वाला है. बीते दिनों महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 'महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा...

नक्सलियों को बचाने के लिए वामपंथी इकोसिस्टम गढ़ रहा ‘फर्जी मुठभेड़’ का नैरेटिव

रायपुर, छत्तीसगढ़. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ जैसे ही कार्रवाई तेज होती है तो वामपंथी इकोसिस्टम एक्टिव हो जाता है और झूठे नैरेटिव...

नक्सल पीड़ितों ने जेएनयू में साझा किया अपना दर्द; कहा – बस्तर में हिंसा के लिए अर्बन नक्सल भी दोषी

नई दिल्ली. माओवादी हिंसा की पीड़ा और दुःख-दर्द को साझा करने तथा बस्तर को माओवाद से मुक्त करने की मांग लेकर आतंक से पीड़ित 50...

लाल आतंक के नेटवर्क पर सर्जिकल स्ट्राइक; राडार पर अर्बल नक्सली

वामपंथी आतंक को विश्व में माओवादी और भारत में नक्सलवादी के रूप में जाना जाता है. भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत वर्ष 1967 में...

मौत के भय से भाग रहे माओवादी आतंकी, कर रहे आत्मसमर्पण

ज़िन्दगी हर किसी के लिए कीमती है, उसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती. नक्‍सली हो या  आतंक के रास्‍ते पर चलने वाले अन्य लोग,...

भारत में भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की जाए खोखले वामपंथ की हिंसक सच्चाई

फ्लोरिडा में बच्चे किंडरगार्डन से पढ़ेंगे हिंसक वामपंथ का इतिहास, गवर्नर ने बिल को स्वीकृति प्रदान की कुछ विश्वविद्यालयों में कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े संगठनों,...

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर रोक, पर इफ्तार की अनुमति

प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा (नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में) के अवसर पर दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कोई कार्यक्रम नहीं होने दिया गया...

सत्य का सामना करने का दम है तो देखिए – बस्तर : द नक्सल स्टोरी

लोकेन्द्र सिंह ‘द केरल स्टोरी’ के बाद सुदीप्तो सेन ने फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ के माध्यम से आतंकवाद को, उसके वास्तविक रूप में, सबके...

सेकुलर ‘कारवां’ के झूठ का पुलिंदा तार-तार – 2

रतन शारदा असहिष्णु और धर्म विरोधी बातें प्रकाशित करने के लिए बदनाम सेकुलर पत्रिका ‘कारवां’ ने 1 जुलाई 2023 को एक ऐसा लेख प्रकाशित किया...