करंट टॉपिक्स

दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल?

नरेन्द्र सहगल परतंत्रता के विरुद्ध निरंतर एक हजार वर्षों तक सशस्त्र संघर्ष करने के फलस्वरूप अंततः हमारा अखंड भारतवर्ष दो भागों में विभाजित होकर ‘स्वतंत्र’...

अमृत महोत्सव – स्त्री, स्वराज और स्वदेशी

प्रो. गीता भट्ट औपनिवेशिक ताकतों के विरोध में जिन दो शब्दों ने वैचारिक अलख जगाई, वे थे -  स्वराज और स्वदेशी. इन दो शब्दों ने...

अमृत महोत्सव लेखमाला – सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ : भाग पांच

  फांसी पर लटके वीर माता के तीनों पुत्र नरेन्द्र सहगल भारतीयों का कल्याण अंग्रेज शासकों का उद्देश्य कभी नहीं रहा. भारत को लूटकर अपने...

भविष्यदृष्टा सावरकर

प्रशांत पोळ निर्भयता, निडरता, निर्भीकता. इनका पर्यायवाची शब्द हैं – वीर सावरकर. इस सामान्य कद-काठी के व्यक्ति में असामान्य और अद्भुत धैर्य था. अपने ८३...

अमृत महोत्सव – बलिदानी क्रांतिकारी शचीन्द्रनाथ सान्याल

डॉ. हेमन्त गुप्त भारत माता की कोख से ऐसे अनेक शूरवीर सपूतों ने जन्म लिया है, जिन्होंने माँ भारती की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर...

18 अप्रैल / बलिदान दिवस – अमर बलिदानी दामोदर हरि चाफेकर

नई दिल्ली. दामोदर हरि चाफेकर उस बलिदानी परिवार के अग्रज थे, जिसके तीनों पुष्पों ने स्वयं को भारत माँ की अस्मिता की रक्षा के लिए...