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पुस्तक समीक्षा : हिन्दू कला दृष्टि – संस्कार भारती क्यों?

लोकेन्द्र सिंह भारतीय कला परंपरा केवल सौंदर्य और मनोरंजन तक सीमित नहीं है, वह जीवन-दर्शन की संवाहिका रही है। चिंतन की राष्ट्रीय धारा के ऋषि तुल्य...

भारत भूमि का टुकड़ा मात्र नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है – दत्तात्रेय होसबाले जी

नोएडा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने आज पंचशील बालक इंटर कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 'विमर्श भारत का' पुस्तक...

महात्मा बुद्ध ने शिक्षा प्रणाली में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों पर बल दिया

डॉ. कुलदीप मेहंदीरत्ता भारत में समय-समय पर संत, ऋषि-मुनि तथा अनेक महापुरुषों ने अवतार लिया है. प्राचीन काल से ही संसार ने भारत को विश्वगुरु...