श्रीनगर. दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों ने कश्मीरी हिन्दू संजय शर्मा की गोली मारकर हत्या तकर दी थी. संजय शर्मा को आज सोमवार को नम आँखों से अंतिम विदाई दी गई. संजय शर्मा के अंतिम संस्कार में काफी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे. पुलिस अधिकारियों सहित कई नेता भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. संजय शर्मा पुलवामा जिले के अचान के रहने वाले थे.
घटना रविवार सुबह 10.30 बजे की है. संजय शर्मा अपनी पत्नी के साथ स्थानीय बाजार जा रहे थे. इसी दौरान आतंकवादियों ने संजय की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के तुरंत बाद मौके का फायदा उठाकर आतंकी फरार हो गए. जबकि गोली लगने के कारण संजय शर्मा खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर गए. गोलियों की आवाज सुन मौके पर तैनात पुलिस कर्मी भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे. गोली लगने के कारण संजय की हालत काफी नाजुक हो गई थी. उन्हें तुरंत जिला अस्पताल पुलवामा में पहुंचाया गया. लेकिन यहाँ डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद से एक बार फिर कश्मीरी हिन्दुओं में भय व आक्रोश का माहौल है.
संजय शर्मा एक बैंक में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में कार्यरत थे. उनकी आयु 40 साल थी. अक्तूबर 2022 के बाद से कश्मीर घाटी की पहली टारगेट किलिंग है. इससे पहले जम्मू संभाग के राजौरी के अपर डांगरी गांव में 1 जनवरी, 2023 की शाम 2 आतंकी घुस आए थे और उन्होंने पूछ-पूछकर हिन्दुओं को गोली मारी थी. हादसे में 2 बच्चों सहित कुल 7 लोगों की मौत हो गई थी.
सोमवार को दिवंगत संजय शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का भारी हुजूम रहा. सभी की आँखों में आतंकवाद के खिलाफ रोष व्याप्त था.
आतंकी संगठन ने ली हत्या की जिम्मेदारी
संजय शर्मा की हत्या की जिम्मेदारी ‘कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स’ नाम के आतंकी संगठन ने ली है. संगठन ने एक संदेश जारी करके कहा कि ”आज सुबह हमने अचान (पुलवामा) के रहने वाले काशीनाथ शर्मा के बेटे संजय शर्मा की हत्या कर दी है. हमने इससे पहले कई बार वॉर्निंग दी है कि भारत के कश्मीरी हिन्दुओं और पर्यटकों को यहां खत्म कर दिया जाएगा”.
आगे लिखा – ”आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद ये लोग सिर्फ भारतीय ऑक्युपेशन के हाथों की कठपुतली बनकर रह गए हैं. इनके जरिए भारत सरकार यहां कब्जा जमाने के अपने एजेंडे को पूरा करना चाहती है. अपनी बारी के लिए तैयार रहना. आने वाले दिनों में हम ऐसे और अटैक करके सबको चौंकाएंगे.
इसी आतंकी संगठन ने अक्तूबर 2022 में शोपियां के चौधरीगुंड गांव में कश्मीरी पंडित पोरन कृष्णन की हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
2022 में 29 टारगेट अटैक
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकियों ने 2022 में कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं और प्रवासी मजदूरों पर 29 टारगेटेड अटैक किए थे. मरने वालों में जिला स्तर के तीन नेता थे (पंच और सरपंच), तीन कश्मीरी हिन्दू, एक स्थानीय गायिका, राजस्थान से एक बैंक मैनेजर, जम्मू से एक टीचर और एक सेल्समैन और 8 प्रवासी मजदूर शामिल थे. इन हमलों में करीब 10 प्रवासी मजदूर घायल भी हुए थे.
आतंकियों की तलाश में जुटे सुरक्षाबल
हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF के जवान हरकत में आए और घटनास्थल पर तलाशी अभियान चलाया. घटनास्थल पर लगे CCTV फुटेज की मदद से आतंकियों की तलाश जारी है. कश्मीर संभाग के DIG रईस अहमद ने कहा कि हमें अभी तक जो भी सुबूत मिले हैं, उन्हीं के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. जल्दी ही आतंकियों को पकड़ लिया जाएगा.
2 दिन पहले ही कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने गोलीबारी कर एक पूर्व पंच को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. घायल आसिफ अली गनी का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है. घायल के पिता अली मोहम्मद गनई पुलिस में हेड कांस्टेबल थे. जिनकी आतंकियों ने 29 जनवरी, 2022 की शाम गोली मारकर हत्या कर दी थी.