आर्थिक हालात भले ही कमजोर हों, लेकिन भगवान राम में आस्था इतनी मजबूत कि अब श्रीराम मंदिर के लिए अपनी मेहनत से कमाई जमा पूंजी को मंदिर निर्माण में देने से पीछे नहीं हट रहे. निधि समर्पण अभियान के दौरान देशभर से ऐसे अनेक उदाहरण सामने आ रहे हैं.
रतलाम में एक ऐसा ही भगवान राम का भक्त सामने आया है. जो मिस्त्री का काम करता है. रोज के कुछ रुपये कमाने के लिए लोगों के सपनों के घर की एक-एक ईंट को बारीकी से नापतोल कर जोड़कर उनका आशियाना तैयार करता है. लेकिन अपनी सालों की कमाई पूँजी से बचाई 51 हजार की राशि भगवान श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दी.
रतलाम के राम कुमावत, जो रोज भगवान के समक्ष हाथ जोड़कर इस आस्था के साथ घर से निकलता है कि भगवान उसे आज कुछ नया काम देगा. मिस्त्री का काम करने वाला राम प्रतिदिन दिहाड़ी में एक-एक ईंट जोड़कर लोगों के आशियाने बनाता है.
सपना था राम मंदिर बने
मेहनत मजदूरी से मिले पैसे से राम ने 51 हजार रुपये जमा किये थे. ये राशि उन्होंने अपने भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए सहयोग के रूप में दे दी. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान समिति को मिस्त्री राम कुमावत ने 51 हजार रुपये का चेक दिया है. उनका कहना है कि यह उनका सपना था कि राम मंदिर का निर्माण हो.
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान समिति के पालक शुभम चौहान ने कहा कि संपन्न लोग तो श्रीराम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए आगे आ ही रहे हैं. लेकिन इस तरह सामर्थ्य से अधिक बढ़कर लोगों का समर्पण बताया है कि श्रीराम मंदिर का निर्माण सिर्फ आस्था का ही नहीं, बल्कि भारत के हर व्यक्ति का स्वप्न है.