श्रीनगर. सुरक्षा बलों ने कुपवाड़ा जिले के नुनसा और लोलाब क्षेत्रों से टीयूएमजेके जम्मू-कश्मीर के आतंकी भर्ती और फंडिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है. सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार आतंकियों के सहयोगियों से हथियार व गोला बारूद भी बरामद किया है. पुलिस ने पांच पिस्तौल, दस मैगजीन, 49 पिस्टल राउंड और दो ग्रेनेड के अलावा एक आईईडी बरामद की है. जांच के लिए पुलिस स्टेशन कुपवाड़ा में सभी आतंकियों के सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सेना और पुलिस ने कुपवाड़ा के सामान्य क्षेत्र नुनुसा और लोलाब में संयुक्त अभियान चलाया था. चीरकोट क्षेत्र के निवासी बिलाल अहमद डार ने पकड़े जाने के बाद गहन पूछताछ में कई खुलासे किये. वह उत्तरी कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के पांच अन्य लोगों के साथ ‘इस्लाही फलाही रिलीफ ट्रस्ट’ (आईएफआरटी) नामक एक एनजीओ की आड़ में आतंकवादी फंडिंग रैकेट चलाता है.
वह विभिन्न गांवों में बैठकें करके आतंकी वित्त पोषण गतिविधियों और भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. वह एनजीओ के अन्य सदस्यों के साथ युवाओं को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लगाने का प्रयास करता था. बिलाल ने कचलू लंगेट के वाहिद अहमद भट्ट, सिंहपोरा बारामूला के जावेद अहमद नजर, ब्रथ सोपोर के मुश्ताक अहमद नजर और सोपोर के मुंडजी इलाके के बशीर अहमद मीर सहित अन्य सहयोगियों के नाम भी उजागर किए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.
बिलाल का चचेरा भाई चीरकोट निवासी जुबैर अहमद डार भी इस मॉड्यूल में सक्रिय रूप से शामिल है. टीयूएमजेके के संचालन में पाकिस्तान स्थित हैंडलर समन्वय कर रहे थे. इस मॉड्यूल का उद्देश्य अलग-अलग गांवों में एनजीओ की आड़ में कार्यक्रम आयोजित करके पैसा इकट्ठा करना था.
एनजीओ के खातों का उपयोग धनशोधन के लिए किया जा रहा था. यह समूह 15 अगस्त के आसपास और केंद्रीय गृहमंत्री की बारामूला यात्रा के दौरान राष्ट्र विरोधी पोस्टर चिपकाने के लिए भी जिम्मेदार था. बिलाल ने अपने पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर 14 अगस्त को मरकजी जामिया मस्जिद कुपवाड़ा के अंदर एक पाकिस्तानी झंडा फहराने की बात भी स्वीकार की है.
बिलाल और उसके सहयोगी सीमा पार से निर्देश प्राप्त कर रहे थे. वाहिद अहमद भट्ट उर्फ तौहीद भर्ती और आतंकवादी फंडिंग मॉड्यूल के पीछे मास्टरमाइंड था.