नई दिल्ली. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के नवनियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों से लोकनायक भवन में भेट की और उनका अभिनंदन किया.
कल्याण आश्रम १९५२ में अपनी स्थापना से ही भारत में सर्वदूर बसे जनजाति समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्नरत है. वर्तमान में जनजाति समुदायों के लिए कार्य करने वाला वह भारत का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है. वर्तमान में कल्याण आश्रम सर्वत्र भारत में 17,394 स्थानों पर 22,152 प्रकल्प चलाता है. जिसमें शिक्षा, ग्राम विकास और आर्थिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, खेल, आदिवासी आस्था और संस्कृति की सुरक्षा आदि विषय सम्मिलित हैं.
जनजाति समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए भारत के संविधान में 89वां संशोधन करके 2004 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई थी. वर्तमान आयोग में अंतर सिंह आर्य को अध्यक्ष और डॉ. आशा लाकड़ा, निरुपम चकमा, जटोथु हुसैन को सदस्य बनाया गया है.
25 सदस्यों वाले कल्याण आश्रम के प्रतिनिधिमंडल ने एनसीएसटी अधिकारियों का स्वागत और अभिनंदन किया. वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह जी ने एनसीएसटी के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य जी का अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया.
स्वागत एवं अभिनन्दन के पश्चात कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह जी ने आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को संगठन द्वारा वर्तमान में संचालित गतिविधियों से अवगत कराया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि संगठन आयोग के साथ मिलकर जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास में सहायभूत होगा एवं साथ कार्य करेगा. आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य जी ने कल्याण आश्रम के सहयोग से जनजाति समाज की अस्मिता, अस्तित्व एवं विकास से जुड़े मुद्दों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम का संचालन अजित शुक्ल जी, महामंत्री वनवासी कल्याण आश्रम दिल्ली ने किया.
यह अनुभव बहुत अच्छा रहा है जी।
NCST के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और सदस्य ने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के साथ काम करने का वादा किया है।
Very Good