मुंबई. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान 15 जनवरी से शुरू हुआ है और 27 फरवरी तक भारत में यह अभियान चलेगा. समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग निधि समर्पण कर रहे हैं. श्रमिक हो या उद्योजक, लोग यथाशक्ति निधि समर्पण कर रहे हैं.
दहिसर बोरीवली में महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरी महाराज ने उपस्थित जनों का मार्गदर्शन किया. गोरेगांव विभाग ने २१ जनवरी तक निधि समर्पण अभियान के तहत पचास हजार परिवारों में संपर्क किया था. विशेष रूप से सेवा बस्तियों में जनसंपर्क को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है.
चेंबूर के स्वामी विवेकानंद नगर में निधि समर्पण कार्यालय में एक वृद्धा आई. श्रीराम मंदिर का बाहर लगा बैनर देख कर निधि समर्पण के बारे में पूछने लगी. मैं केवल दस रुपये दे सकती हूँ और मुझे मंदिर के लिये देने ही है. उस समय कार्यकर्ताओं के पास केवल सौ रुपये के कूपन थे. उन्होंने अपने पर्स से थोड़े-थोड़े पैसे जमा किये और सौ रुपये भगवान श्रीराम के लिये समर्पित किए.
विरार के पास कांडोलपाडा में रहने वाले और सब्जी बेच कर सौ-डेढ़ सौ रुपये कमाने वाली गुलाबबाई नाम की वृद्धा ने श्रीराम के लिये निधि समर्पण किया. विरार के ही फुलपाडा में सिद्धिविनायक बस्ती में कार्यकर्ता एक घर गए तो पता चला कि घर के ज्येष्ठ व्यक्ति का वेतन नहीं आ रहा है. लेकिन उस घर से एक लड़की अपनी गुल्लक लेकर आई और कार्यकर्ताओं को समर्पण के रूप में सौंप दी.
नालासोपारा में मिट्टी के मटके बेच कर परिवार का पोषण करने वाले एक परिवार ने पांच-दस रुपये जमा करके श्रीराम मंदिर के लिये सौ रुपये का समर्पण किया. वास्तव में इस परिवार की प्रतिदिन की कमाई ही करीब सौ रुपये है. अपनी एक दिन की कमाई उन्होंने श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दी.