अयोध्या, 07 जून। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आज हुई बैठक में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के चारों प्रवेश द्वारों के नाम पर सहमति बन गई। बिड़ला धर्मशाला के सामने वाले वर्तमान द्वार सहित क्षीरेश्वर महादेव के सामने व उसके आगे निर्माणाधीन द्वार तथा रामकोट मोहल्ले के उत्तरी द्वार का नाम तय कर लिया गया है। इनमें अधिकांश द्वार अभी निर्माण प्रक्रिया में हैं।
मणि रामदास छावनी में महंत नृत्यगोपाल दास जी की अध्यक्षता में संपन्न बैठक के बाद तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने पत्रकारों को निर्णयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चारों प्रवेश द्वारों के नाम जगद्गुरु रामानंदाचार्य, जगद्गुरु मध्वाचार्य, जगद्गुरु शंकराचार्य और जगद्गुरु रामानुजाचार्य द्वार होंगे। अन्य भवनों के नाम अभी विचाराधीन हैं। महामंत्री ने कहा कि बैठक में उपस्थिति शत प्रतिशत थी। ग्यारह ट्रस्टी सशरीर उपस्थित थे तथा गृह सचिव संजय प्रसाद, केशव पाराशरन व राजा विमलेंद्र मोहन अलग-अलग कारणों से ऑनलाइन सम्मिलित हुए। एक पद अभी रिक्त है।
ट्रस्ट महामंत्री ने बताया कि नवम्बर माह में मन्दिरों पर ध्वजारोहण किया जाएगा। सप्तमंडप पूर्ण हो गए हैं, ऋषियों सहित निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां स्थापित हो गई हैं। प्रथम तल पर श्रीराम सभा की सीढ़ियों पर रेलिंग और लिफ्ट का काम पूरा होने पर ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रारम्भ हो पाएगा। इसके अलावा लगभग चार किलोमीटर की चारदीवारी, ऑडिटोरियम, तीर्थ क्षेत्र कार्यालय का निर्माण भी होना है, जिसमें वर्ष भर का समय लग सकता है।