भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक प्रारम्भ
संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो..
“एकता के स्वर में स्वर मिलाना सीख लो.. भला हो जिसमें देश का, वह काम सब किए चलो..”
किशनगढ़/अजमेर.
भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार से अग्रसेन विहार में प्रारंभ हुई. बैठक से पहले परिसर में ध्वजारोहण, गौ पूजन और दीप प्रज्ज्वलन किया गया. एक लाख गांवों में ग्राम समिति गठित करने के संकल्प के साथ देशभर से आए प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. दिवंगत कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. राष्ट्रीय अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने स्वागत भाषण दिया. राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मंच पर कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोसे बासोतिया, उपाध्यक्ष भैयाराम मौर्य, पेरूमल मौजूद रहे. बैठक में सभी ने “संगठन गढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो.. एकता के स्वर में स्वर मिलना सीख लो.. भला हो जिसमे देश का वह काम सब किए चलो..” का सस्वर वाचन करते हुए किसान एकता और राष्ट्र के विकास की अवधारणा का संकल्प लिया.
किसान संघ के अध्यक्ष बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि यह भारतीय किसान संघ का सदस्यता और निर्वाचन का वर्ष है. भारतीय किसान संघ ने देश के एक लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है. जिसके लिए कार्यकर्ता प्राणपण से जुटे हैं. मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि गत वर्ष में हमने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से किसान की समस्याओं को हल करने का काम किया है. भारतीय किसान संघ हिंसा में विश्वास नहीं करता है. अपनी मांगों को सदैव संवैधानिक तरीके से रखता आया है. इससे पहले अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में देश के वर्तमान हालात और किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर चिंतन किया गया. बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, सह संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह, किसान संघ के पालक अधिकारी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, सहित किसान प्रतिनिधि उपस्थित हैं.
बैठक में शामिल होने के लिए समस्त देश से प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. देशभर के समस्त प्रांत कार्यकारिणी सहित 600 जिलों से 1500 से अधिक कार्यकर्ता, संगठन मंत्री सम्मिलित हैं.
राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के दूसरे दिन प्रातः 9 बजे से सत्र प्रारम्भ होंगे. इस दौरान नियत टोली प्रस्ताव रखेगी. प्रस्ताव के साथ कृषि व किसान के ज्वलंत विषयों व समस्याओं पर देशभर से शामिल किसान प्रतिनिधि अपनी बात रखेंगे. चर्चा उपरांत प्रतिनिधि सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.
देश की संस्कृति
प्रतिनिधि सभा में देशभर के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई दी. विभिन्न राज्यों से आए कार्यकर्ताओं और किसानों ने अपनी वेशभूषा से सांस्कृतिक एकता का परिचय दिया. बैठक में राजस्थान की संस्कृति से रूबरू कराते रंग-बिरंगे मेवाड़ी, मारवाड़ी, चुनडी, मोठड़ा के साफे दिखाई दिए तो महिलाएं भी चुनरी और राजपूती परिधानों में नजर आई. असम, हिमाचल और जम्मू कश्मीर की टोपी भी आकर्षण का केन्द्र रही.
बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने भारत माता और भगवान बलराम के जयकारों से आसमान गूंजा दिया. इस दौरान किसानों ने “कौन बनाता हिंदुस्तान.. वैज्ञानिक, मजदूर, किसान.. गौ माता को जीने दो, दूध की नदियां बहने दो, देश के हम भंडार भरेंगे, और कीमत पूरी लेंगे..” सरीखे उद्घोष से वातावरण में जोश भर दिया.