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पंच परिवर्तन समाज जीवन में आने से राष्ट्र समृद्ध होगा – क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम

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उदयपुर, 13 अक्तूबर.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि संघ की 99 वर्ष की यात्रा पूर्ण हुई है और 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए अभी कई कार्य करने हैं. उन्होंने स्वयंसेवकों से अधिक समय देने का आह्वान किया. कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है और भारत संघ की ओर. इसलिए समाज का नेतृत्व खड़ा करने और समाज की आवश्यकता अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है. क्षेत्र प्रचारक आर.के. सर्किल स्थित कृष्णा वाटिका में विजयादशमी उत्सव निमित पथ संचलन पूर्व स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे.

शहर में आयोजित तीन कार्यक्रमों में मुख्य अतिथियों ने संचलन से शस्त्र पूजन किया. कृष्णा वाटिका स्थान पर मुख्य अतिथि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के सचिव कुलवंत सिंह नरवल, फील्ड क्लब स्थान पर बावनमठ के संस्थापक भगवान लाल गमेती एवं मान बाग़ स्थान पर कर्नल यादवेन्द्र सिंह यादव थे.

निम्बाराम ने कहा कि आसुरी शक्तियां पहले भी थी, आज भी हैं. हमें समाज और देश विरोधी गतिविधियों को समझना होगा, षड्यंत्रों को समझना होगा और एकजुट होकर लड़ना होगा.

उन्होंने समाज से आह्वान किया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में शास्त्र के साथ शस्त्र की पूजा हो, संघ कभी भी समाज को अकेला नहीं छोड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो कि समाज अपना दायित्व ना समझे. इसके लिए हिन्दू समाज के प्रत्येक नागरिक को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी है, ऐसा बोध होना आवश्यक है. पञ्च प्रण सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व का गौरव एवं नागरिक कर्तव्य का व्यवहार स्वयंसेवक सबसे पहले अपने में, अपने परिवार में लेकर आए, फिर समाज जीवन से राष्ट्र समृद्ध होगा.

दूसरा संचलन फील्ड क्लब प्रांगण से प्रारम्भ हुआ. कार्यक्रम में चित्तौड़ प्रान्त के सह प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ. सुनील खटीक वक्ता, मुख्य अतिथि बावनमठ के संस्थापक भगवान लाल गमेती रहे.

डॉ. खटीक ने कहा कि प्रभु श्री राम की विजय में संदेश है कि धर्म की स्थापना के लिए समाज का संगठन आवश्यक है. स्वामी विवेकानंद ने हिन्दू धर्म के दर्शन को पुनर्प्रतिष्ठित किया, डॉ. केशवराव हेडगेवार ने हिन्दू समाज के संगठन का कार्य किया. हिन्दू धर्म के दर्शन से विविध पंथ-परंपराओं एवं उत्सवों का प्रादुर्भाव हुआ, जिनमें एकत्व व बंधुत्व के सूत्र हैं. कुछ शक्तियां समाज के सांस्कृतिक एकत्व को समाप्त कर समाज में विलगाव उत्पन्न करना चाहती हैं. हमें ऐसे उकसावे में न आकर समाज को जोड़ने का कार्य करना होगा. समाज में आचरण से आत्मीयता का भाव बढ़े. सबल राष्ट्र के लिए समाज की एकजुटता आवश्यक है. सद्भावना एवं संगठन आधारित समाज से ही विश्व में भारत माता की जयकार होगी.

तीसरा संचलन सेक्टर 14  स्थित मान बाग़ से प्रारम्भ हुआ. कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संयोजक प्रो. बी. पी. शर्मा वक्ता, और मुख्य अतिथि कर्नल यादवेन्द्र सिंह यादव रहे.

प्रो. बी.पी. शर्मा ने सामाजिक समरसता, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक सम्बल की बात कही. उन्होंने आह्वान किया कि समाज विरोधी ताकतों द्वारा फैलाये जा रहे भ्रामक विमर्श को समाज को समझना होगा और उसका जवाब भी देना होगा. समाज की जागरूकता और एकता ही मज़बूत राष्ट्र का निर्माण कर सकती है. समाज को पंच परिवर्तन अपने व्यवहार में लाना होगा.

तेज बरसात में भी स्वयंसेवकों ने पूर्ण उत्साह और मनोबल के साथ पथ-संचलन किया. तेज बरसात के कारण प्रौढ़ और बाल स्वयंसेवकों को संचलन में भाग नहीं लेने का आग्रह किया एवं संचलन प्रारंभ स्थान पर ही उनके बैठने की व्यवस्था की गई. संचलन मार्ग में जगह-जगह माताओं-बहनों, समाज जनों एवं सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर भारत माता की जयकार के साथ पथ संचलन का स्वागत किया.

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