नई दिल्ली. सहकार भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय क्रेडिट सोसायटी राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ पूसा मेला मैदान, दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हुआ. नरेंद्र तोमर ने कहा कि सहकारिता का क्षेत्र, देश के समक्ष विद्यमान चुनौतियों को स्वीकारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में बढ़-चढ़कर अपना योगदान प्रदान करें.
किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए ईमानदार प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन जरूरी होता है और मैं यह विश्वासपूर्वक कह सकता हूं कि सहकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले प्रतिनिधियों का सक्षम और सशक्त प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन सहकार भारती है. इस कार्यक्रम में क्रेडिट सोसाइटियों का एक जगह, एक उद्देश्य के लिए इतनी बड़ी संख्या में एकत्र होना बहुत महत्वपूर्ण व प्रसन्नता की बात है. नरेंद्र तोमर ने कहा कि हम सब यह भली-भांति जानते हैं कि बिना संस्कार के सहकार नहीं होता और बिना सहकार के उन्नति नहीं होती है. सहकार भारती, सहकारिता के क्षेत्र में समर्पित सेवाएं दे रही है. इसका उद्देश्य संस्कार से सहकार को आगे बढ़ाना है. सहकारिता का उद्देश्य देश के लिए नया नहीं है. सहकार का भाव हमारी आत्मा में बसता है. पहले गांवों में मकान कच्चे होते थे, लेकिन संबंध पक्के होते थे. सहकार के भाव के कारण गांव का कोई भी व्यक्ति परेशान नहीं होता था. आनंद की कमी नहीं रहती थी. आनंद तक पहुंचने का रास्ता सहकार के भाव से ही निकलता है. सहकार का भाव हमारे संस्कार में होने के बाद भी आजादी के 75 वर्ष बाद यह यात्रा अधूरी है, क्योंकि पहले काम करने वाले नेतृत्व में दृष्टि का अभाव था. नीति-नीयत की कमी थी, लेकिन आज देश में सशक्त नेतृत्व है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ऐसी सरकार काम कर रही है जिसकी दूर की दृष्टि है, पक्का इरादा है और आगे बढ़ने का जज्बा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सहकारिता का अलग मंत्रालय बनने के बाद अमित शाह के नेतृत्व में जिस तरह से सहकारिता क्षेत्र में प्रगति हो रही है, उससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देगा. साथ ही सबमें सहकारिता का भाव भी उत्पन्न होगा.
बीएल वर्मा ने अधिवेशन में आए क्रेडिट सोसाइटियों के प्रतिनिधियों से कहा कि सहकारिता मंत्रालय देश भर की सहकारी संस्थाओं के कल्याण के लिए कटिबद्ध है और निरंतर कार्य में लगा हुआ है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय अब सहकार से समृद्धि की यात्रा पर चल पड़ा है. उन्होंने कहा कि आज वेयरहाउस के अभाव में 1लाख 20 हजार करोड़ का अनाज नष्ट हो जाता था. इसलिए हमने वेयरहाउस निर्माण के क्षेत्र में कई ठोस कदम उठाए हैं. क्रेडिट सोसाइटी का पैसा गरीबों का पैसा है, इसलिए रिकवरी करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. जिससे गरीबों का पैसा बचाया जा सके. 98000 युवा और 5 लाख से अधिक किसान आज सहकारिता के माध्यम से ऋण लेकर कार्य कर रहे हैं.
सहकार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी ने कहा कि इस अधिवेशन की सफलता में क्रेडिट सोसाइटियों के जिला, राज्य और राष्ट्रीय फेडरेशन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 17 प्रदेशों से चार हजार सहकारी बंधु-भगिनियों ने सहभगिता की है. क्रेडिट के डिजिटलाईजेशन के लिए व्यापक कार्य करने की आवश्यकता है. सहकारिता क्षेत्र सहित सभी देशवासी विकसित भारत संकल्प यात्रा से जुड़ें और अमृत काल में भारत को पूर्ण विकसित बनाने का संकल्प लें. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोमर ने ध्येय गीत लांच किया व स्मारिका का विमोचन किया.