नई दिल्ली. कोलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्राओं पर हिंसक हमलों की जांच एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है. विश्व हिन्दू परिषद ने कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो गया कि रामनवमी की शोभायात्राओं पर हमले किसी प्रतिक्रिया में नहीं, अपितु योजनाबद्ध रूप से किए गए थे. मस्जिदों तथा मुस्लिम समाज के घरों पर पत्थरों तथा पेट्रोल बम का पहुंचना, मुस्लिम बस्तियों से हिंसक भीड़ का हथियार लेकर निकलना, हिन्दुओं पर प्राणघातक हमले करना, घरों-दुकानों को आग लगाना और वाहनों को तोड़ना अचानक नहीं हो सकता. यह योजनाबद्ध ढंग से और सुविचारित रूप से किया गया था. यह किसी आतंकवादी घटना से कम नहीं है. इसलिए इसकी योजना किसने बनाई, हथियार कहां से लिए गए, कौन-कौन इसमें सहभागी थे… इसकी व्यापक जांच होना आवश्यक है जो एनआईए ही कर सकती है. बंगाल पुलिस दंगाइयों के हाथ की कठपुतली बन चुकी है. डॉ. जैन ने मांग की कि हिन्दू समाज पर हुए इन हमलों में ममता बनर्जी तथा उनकी पार्टी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि घटना किसी ने भी की हो, लेकिन इसकी प्रेरणा निश्चित तौर पर बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा दी गई, ऐसी धारणा पूर्ण देश में बन चुकी है. रामनवमी की पूर्व संध्या पर उन्होंने जिस प्रकार की धमकी बंगाल में हमेशा से पीड़ित रहने वाले समाज को दी, उससे हमलावरों की हिम्मत बढ़ी और वे हिंसक हमले करने के लिए तत्पर हो गए. इन हमलों में पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उनकी जिम्मेदारी पीड़ितों की रक्षा करने की थी, लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने पीड़ित समाज के लोगों को ही गिरफ्तार किया. उनकी रक्षा नहीं की. बहुत मुश्किल से उनमें से कुछ की जमानत हो पाई है.
डॉ. सुरेन्द्र जैन कहा कि यह सारा दृश्य “ग्रेट कोलकाता किलिंग्स” की याद दिलाता है, जब मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ हिन्दू समाज पर हमले करती थी, कत्लेआम मचा दिया था और वहां की पुलिस सोहरावर्दी के निर्देश पर या तो खड़ी थी या दंगाइयों का ही साथ दे रही थी. ऐसा लगता है ममता बनर्जी सोहरावर्दी की भूमिका में काम कर रही हैं और अपने वोट बैंक को बचाने के लिए हिन्दू समाज पर किसी भी सीमा तक अत्याचार होने देती हैं.
डॉ. जैन ने आशा व्यक्त की कि एनआईए की जांच से दूध का दूध – पानी का पानी हो जाएगा, अपराधी पकड़े जाएंगे और उन्हें सजा होगी. हम एनआईए से अपेक्षा करते हैं कि वे इन दंगों में ममता बनर्जी की भूमिका की भी जांच करे.
इस समय बंगाल में माँ, माटी व मानुष तीनों ही इस्लामिक जिहादियों के निशाने पर हैं. अपना वोट बैंक बचाने के लिए हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचारों को बढ़ावा न दें. समाज के संरक्षक की भूमिका का निर्वाह करें. सोहरवर्दी की भूमिका में ना आएं. पूरे बंगाल का हिन्दू समाज उनको इसी भूमिका में देख रहा है. वे बंगाल को बर्बादी की ओर न ले जाएं. सोनार बांग्ला का निर्माण करने के लिए समाज के सभी वर्गों का साथ लें.