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नई दिल्ली, 28 अप्रैल। पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है। जिसे लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत का बयान आया कि भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द करना ठीक नहीं है।
इसे पर देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का बयान देश विरोधी ताकतों का समर्थन है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि किसके इशारे पर पाकिस्तान के समर्थन वाले बयान दिए जा रहे हैं। किसान के नाम पर घोर राजनैतिक आंदोलन चलाने वाले आंदोलनजीवियों के आकाओं की पहचान कर कड़ी कार्रवाई न करना भी गंभीर मामला है। इसलिए इन लोगों का खुलेआम देश विरोधी ताकतों का मुखौटा बनना आम बात हो गया है।
महामंत्री मोहिनी मोहन ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे बयानों से आतंकवादियों व देश विरोधी शक्तियों को बल मिलता है। देश के दुश्मन को जड़ से खत्म कर देना ही समस्या का हल है। उन्होंने कहा कि इन तथाकथित नेताओं के बयान का भारत का किसान विरोध करेगा। भारतीय किसान संघ “राष्ट्र हित सर्वोपरि” के भाव को प्रधानता देता है और नरेश टिकैत के राष्ट्र विरोधी शक्तियों के पक्ष लेने वाले वक्तव्य की कड़ी निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम से जो घटनाक्रम देश के सामने आया था। उससे इन तथाकथित किसान नेताओं के चेहरे उजागर हुए हैं और पहलगाम की घटना के बाद भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निरस्त करने के निर्णय के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का बयान घोर निंदनीय है। भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार इन देश विरोधी ताकतों के समर्थित बयान जीवियों की जांच कर कार्रवाई करे।