नई दिल्ली. NASA में रोवर के मंगल पर कदम रखने का उत्साह चरम पर था. इसके साथ ही भारत में भी खुशी और गर्व का माहौल था. मिशन के संबंध में विश्व को पल-पल की जानकारी देने वाली आवाज भारत की बेटी की थी. गाइडेंस, नेविगेशन एंड कंट्रोल्स ऑपरेशन की प्रमुख डॉ. स्वाति मोहन ने Perseverance के एक-एक कदम की जानकारी दी. स्वाति मंगल पर Perseverance की लैंडिंग के दौरान Jet Propulsion Laboratory से लाइव कमेंट्री कर रही थीं.
पैसेडीना में जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में काम कर रहीं स्वाति बताती हैं कि यहां इंसान की समझ को विस्तृत करने की कोशिश की जाती है और हमेशा कुछ नया खोजा जाता था. यहां काम करना सम्मान की बात है. इस तरह के माहौल में काम करने से काफी प्रेरणा मिलती है.
स्वाति एक साल की थीं, जब अपने परिवार के साथ भारत से अमेरिका में जा बसीं थीं. स्वाति ने मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से ऐरोनॉटिक्स/ऐस्ट्रोनॉटिक्स में पीएचडी की है. वह मंगल से पहले शनि के Cassini और चांद के GRAIL मिशन के लिए भी काम कर चुकी हैं. Perseverance मिशन के साथ वह साल 2013 में जुड़ीं.
बचपन में मशहूर टीवी सीरीज Star Trek का पहला एपिसोड देखते ही ब्रह्मांड के अनजाने कोनों को लेकर स्वाति के मन में उत्सुकता जागने लगी और उनका मन भी ब्रह्मांड को एक्सप्लोर करने का हुआ. स्वाति मोहन ने बताती हैं कि 16 साल की उम्र तक उनका नासा साइंटिस्ट बनने का कोई ख्वाब नहीं था. वो बच्चों की डॉक्टर बनना चाहती थीं. 16 साल की उम्र में फिजिक्स की एक क्लास ने उनका जीवन बदल दिया. उनके टीचर ने सब कुछ ऐसे समझाया कि उन्होंने इंजीनियरिंग करने का मन बना लिया और फिर स्पेस रिसर्च से जुड़ने का फैसला किया.
स्वाति मार्स 2020 गाइडेंस, नेविगेशन एंड कंट्रोल्स ऑपरेशन प्रमुख हैं. उन्होंने मंगल 2020 के एटिट्यूट कंट्रोल सिस्टम को लीड किया है और पूरे मिशन डिवेलपमेंट के दौरान वह लीड सिस्टम्स इंजीनियर थीं. एटिट्यूट कंट्रोल सिस्टम व्हीकल को यह समझने के लिए तैयार करता है कि उसे क्या करना है. इसके साथ ही स्पेस में स्पेसक्राफ्ट की स्थित को तय करता है.