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सेविका समिति की सेविकाएँ अपने परिवार और समाज की भी रीढ़ हैं – शांता अक्का जी

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गाज़ियाबाद। राष्ट्र सेविका समिति, गाज़ियाबाद विभाग द्वारा शाखा संगम भव्य और प्रेरणादायक स्वरूप में संपन्न हुआ। शाखा संगम का आयोजन स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर, राजेन्द्र नगर, साहिबाबाद में किया गया था।

संगम में गाज़ियाबाद विभाग की लगभग 70 शाखाओं की 500 से अधिक सेविकाओं ने एकत्रित होकर संगठित शक्ति और सेवा भावना का परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उमा अग्रवाल जी, निदेशक – शांति गोपाल अस्पताल, इंदिरापुरम ने की। उन्होंने आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, “मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित कर इतना सुंदर अनुभव और ऊर्जा देने के लिए गाज़ियाबाद विभाग की आभारी हूँ। सेवा, समर्पण और अनुशासन को एक साथ देखना अपने आप में एक सीख है”।

इस अवसर पर श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर साध्वी सत्यप्रिया गिरी जी अपने ने ‘आशीर्वचन’ में कहा कि “हिन्दुओं को संगठित होकर समाज और संस्कृति निर्माण की दिशा में कार्य करना चाहिए। आज का समय हमें एक विकसित और सुरक्षित भारत की ओर ले जाने का है, और यह तभी संभव होगा जब हम सभी अपनी-अपनी भूमिकाओं को निष्ठा से निभाएँ”। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के त्याग और शौर्य का स्मरण करते हुए कहा कि “उन्होंने अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर मातृभूमि की रक्षा की। उनकी तरह हर महिला को अपने अंदर वह ऊर्जा जगानी होगी”। रानी पद्मावती ने आत्मगौरव के लिए आग में प्रवेश किया, लेकिन आज की पीढ़ी सोशल मीडिया पोस्ट में उलझी है। आज संस्कार और आत्मबल की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। “परिवारों में परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति की धारणा बनाए रखने की जिम्मेदारी आज की महिलाओं पर है। वही सच्ची संस्कारवाहिनी हैं।”

राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का जी ने कहा कि “शाखा संगम हमारे संगठन का जीवंत उत्सव है। यह केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि सेविकाओं की साधना, संस्कृति और समर्पण का दृश्यात्मक चित्रण है। सेविकाएँ जो प्रतिदिन शाखा में अभ्यास करती हैं – जैसे योग, घोष, आत्मरक्षा, गीत – उन्हें समाज के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है”।

“हमारी सेविकाएँ केवल अपनी शाखाओं की नहीं, बल्कि अपने परिवारों और समाज की भी रीढ़ हैं। वे इस संगठन की आत्मा हैं – जो अपने भीतर अनुशासन, आदर्श और संस्कार का दीप जलाए हुए हैं। ऐसी संगठित शक्ति ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाती है।”

कार्यक्रम में घोष वादन, आत्मरक्षा प्रदर्शन, योग, देशभक्ति गीत, नाट्य प्रस्तुति एवं विविध सांस्कृतिक झलकियों की प्रस्तुति रही।

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