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देश पर संकट के समय शब्दों में संयम व गंभीरता हो –  सुनील आंबेकर

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कोटा, 18 मई। विश्व संवाद केन्द्र चित्तौड़ प्रांत की ओर से देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में कोटा में श्रीनाथपुरम स्थित शिव ज्योति कॉन्वेंट स्कूल सभागार में पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

सम्मान समारोह के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने कहा कि देवर्षि नारद पत्रकारिता में भारतीय परंपरा के आदर्श पर्याय बने। आज समाज अपने आसपास और दुनिया में क्या हो रहा है, यह जानने के लिये उत्सुक रहता है। जनता को सही सूचना, सही समय पर, सही जगह तक पहुंचाना पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हम अपनी उद्देश्यपरक सूचनाओं से पाठक की प्रवृत्ति को सकारात्मक बना सकते हैं। पत्रकार जो लिख रहे हैं, नारद जी की तरह उसकी गहराई में जाएं। आज विधा के साथ तकनीकी स्किल भी जुड़ गया है।

उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने आक्रमण की सटीक क्षमता से दुनिया के सामने भारत का गौरव बढ़ाया है। देश पर संकट के समय हम क्या दिखाएं, क्या नहीं दिखाएं, इस मुद्दे पर राष्ट्रहित में पूरी गंभीरता रखनी होगी। हम देशहित के विरुद्ध कोई जानकारी नहीं दें। घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत नहीं करें। समाचारों में जानकारी को परिष्कृत किया जाएं। समाज में विद्वेष न फैले, इसके लिये सोशल मीडिया पर सही जानकारी देखने के बाद ही आगे बढ़ें।

उन्होंने कहा कि अभी देश में उत्साह, गर्व और स्वाभिमान का वातावरण है। यही वातावरण सभी क्षेत्रों में देश को आगे बढ़ाएगा। देश में एकता व सद्भाव बनाये रखने के लिये पत्रकारिता की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। नये भारत के निर्माण में हमें पुरानी संस्कृति एवं विरासत को आम सहमति से जोड़कर आगे बढ़ना है, क्योंकि आम सहमति से ही लोक जागरण होता है। राममंदिर बनने से पूर्व 40 वर्ष तक लोक जागरण जारी रहा। आज भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिये सहमति बनाने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है। उन्होंने भाषा को लेकर हो रहे विवादों पर भी कहा कि हर देश अपनी भाषा के साथ आगे बढ़ रहा है, इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। हमारे समाज में अपनी भाषा के प्रति इतना विश्वास स्थापित हो ताकि हम अपनी भाषा को और समृद्ध बना सकें। नये भारत के निर्माण में नई तकनीक के साथ भारतीय संस्कृति का समावेश भी हो।

भारतीय पत्रकारिता नैतिकता पर टिकी

मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि टेक्नोलॉजी के इस दौर में पत्रकारिता के सामने चुनौतियां ज्यादा हैं। जर्नलिज्म नॉलेज और विश्लेषण पर आधारित है। समाज की दशा और दिशा पर लिखकर हम जनमत बनाते हैं। समाचारों में नेगेटिव सूचनाओं के साथ अच्छाई को भी सामने लाकर हम रिफॉर्म कर सकते हैं। आज के समाचार पत्र सीएसआर के तहत जनहित में कई उपयोगी अभियान चलाकर सामाजिक उत्तरदायित्व भी बखूबी निभा रहे हैं। अन्य देशों की तुलना में भारतीय पत्रकारिता आज भी नैतिकता पर टिकी है।

वीएमओयू में पत्रकारिता विभाग के प्रमुख प्रो. सुबोध कुमार ने कहा कि आज के डिजिटल युग में पत्रकारों को पल-पल की ताजा जानकारी देनी होती है। सोशल मीडिया पर अधिकांश कंटेंट कचरे की तरह आगे बढ़ता रहता है, इसलिये प्रिंट मीडिया की जिम्मेदारी बड़ी होती है। प्रिंट मीडिया में छपे शब्दों का महत्व बना रहता है, इसलिये शब्दों का चयन सावधानी से करें।

शिव ज्योति एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन महेश गुप्ता ने समारोह की अध्यक्षता की।

कोटा विभाग प्रचार प्रमुख चंद्रशेखर साहू ने बताया कि आवेदन करने वाले सभी प्रतिभागी पत्रकारों को ई-प्रशस्ति पत्र भेजा जाएगा।

विश्व संवाद केन्द्र चित्तौड़ प्रांत के सचिव प्रवीण कोटिया ने बताया कि सम्मान समारोह में उत्कृष्ट फोटो जर्नलिस्ट श्रेणी में हिमांशु शर्मा (अजमेर), उत्कृष्ट स्तंभकार श्रेणी में विवेक वैष्णव (चित्तौड़), प्रिंट मीडिया श्रेणी में क्रिश जायसवाल (छीपाबड़ौद), डिजिटल मीडिया श्रेणी में मनीष गौतम (कोटा), महिला पत्रकार श्रेणी में कृतिका शाह (प्रतापगढ़) एवं कंटेंट क्रिएटर (यूट्यूब) श्रेणी में प्रवीण मीणा (इटावा) को सम्मानित किया गया।

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