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वे अपना काम करते रहेंगे, अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे

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पहली घटना

अयोध्या में भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के निमित्त रविवार को इंदौर में विश्व हिन्दू परिषद -बजरंग दल की शौर्य जागरण यात्रा निकल रही थी. इसी दौरान एक एंबुलेंस की आवाज सुनाई दी तो यात्रा में सम्मिलित बजरंगी, एंबुलेंस के लिए मार्ग बनाने की व्यवस्था में जुट गए और एंबुलेंस निर्विघ्न रूप से, बिना रुके, बिना गति कम किये निकल गई.

दूसरी घटना

मालवा – निमाड़ में शुक्रवार से सतत हो रही वर्षा के कारण मां नर्मदा उफान पर थी, जनजीवन अस्त -व्यस्त हो गया, बजरंग दल के कार्यकर्ता सेवा में लगे हुए थे. समाचार आया कि ओंकारेश्वर में एक कच्चे मकान में एक 70 वर्षीय महिला फंसी हुई है, कोई अंदर जाकर बचाने का सामर्थ्य नहीं जुटा पा रहा. इस स्थिति में बजरंगी आते हैं, उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर, अपने जीवन को संकट में डालकर महिला को सकुशल निकाल लेते हैं.

मात्र दो घटनाएं हैं, पिछले दो दिनों की, मालवा-निमाड़ की.

लेकिन किसी बिटिया का शीलभंग होने से बचाने के लिए, उसके जीवन को नारकीय होने से बचाने के लिए, गौमाता की अवैध तस्करी रोकने के लिए, नशे पर प्रतिबंध लगाने के लिए, उत्सवों को ठीक से संपन्न कराने के लिए, आपदाओं में सेवा करने के लिए…ये बजरंगी दिन -रात एक करते हैं. लव जिहाद में फंसी बिटिया को बचाने के लिए ये रात -रात भर जागते हैं, अकारण कोर्ट केस के शिकार बनते हैं. “नशा माफिया” को पकड़ने के लिए अथवा “गोमांस तस्कर” को पकड़ने के लिए रात -रात भर सड़कों पर बैठते हैं, कभी -कभी पुलिस और माफियाओं की सांठ-गांठ हो जाने पर इन्हें कष्ट भी झेलने पड़ते हैं.

किंतु बड़ी चालाकी से, योजनापूर्वक अन्य मान्यताओं के लोग तो छोड़िए, हिन्दुओं के मन में यह नेरेटिव गढ़ दिया गया कि “बजरंगी गुंडे होते हैं”. उसके लिए घटनाओं से लेकर फोटोशॉप और मिथ्या अप-प्रचार सबका उपयोग किया गया.

8-10 बरस पहले वेलेंटाइन डे से नैरेटीव गढ़े गए कि पार्क में मत बैठो, वरना बजरंगी आ जाएंगे. आज लोग कहते हैं कि बजरंग दल वाले क्यों नहीं आते, वेलेंटाइन डे पर……इसलिए क्योंकि बजरंगी जानते थे इस दिन का उपयोग लव जिहाद नाम की साजिश के लिए किया जा रहा है. इसी फरवरी माह में सर्वाधिक नाबालिग – अविवाहित बच्चियां गर्भवती होती हैं और उनका पूरा जीवन अंधकारमय हो जाता है, बजरंगी सारा अध्ययन करके ही यह करते थे, किंतु हम सब उस नेरेटिव में फंसे, जिसका उद्देश्य हमारी बेटियों का जीवन समाप्त करना था.

बजरंग दल वालों को आप गुंडे कहिए या ओर कुछ…उन्हें फर्क नहीं पड़ता, वे जिनके लिए काम कर रहे है, पीटे-घसीटे जा रहे हैं, उनसे ही उन्हें गालियां भी मिलें. किंतु फिर भी ये अपना काम करते रहेंगे…. अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे.

अमन व्यास

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