मेला खीर भवानी के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध, श्रद्धालुओं को विशेष सुविधाएं
श्रीनगर।
घाटी में आज माता राज्ञ देवी, का वार्षिक मेला धार्मिक श्रद्धा और हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। स्थानीय लोग माता क्षीर (खीर) भवानी भी कहते हैं। इस अवसर पर घाटी के मंदिरों में धार्मिक सभाओं का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेकर माता से सुख समृद्धि तथा विकास के लिए प्रार्थना की।
सब से विशाल समारोह श्रीनगर से 32 किलोमीटर दूर मध्य कश्मीर गांदरबल जिले के तुलमुला क्षेत्र में स्थित माता क्षीर भवानी के तीर्थस्थल पर आयोजित हुआ, जिसमें देश के कौने-कौने से आए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की तथा माता को क्षीर का भोग चढ़ाया। खराब मौसम के बावजूद दिनभर तीर्थस्थल पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के व्यापक प्रबंधों के साथ साथ उन्हें तीर्थस्थल पर लाने ले जाने, उन्हें ठहराने, उनके खानपान तथा बिजली, पानी, चिकत्सा तथा अन्य सुविधाओं का व्यापक प्रबंध किया था।
समूचा तुलमुला का माहौल तीन दिन पूर्व से ही श्रद्धालुओं की तीर्थस्थल पर आमद शुरू होते ही भक्तिमय हो गया था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जम्मू से काफिलों की सूरत में गांदरबल लाया गया। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में स्थित आश्रम के साथ साथ सेंट्रल यूनिर्वस्टी में भी ठहरने की व्यवस्था की गई। आज यानी मंगलवार ज्येष्ठ अष्टमी को मुख्य समारोह का आयोजन हुआ। खराब मौसम के बावजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी दी, पूजा अर्चना में हिस्सा लिया।
मेले में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों ने लंगरों का प्रबंध किया था, जबकि श्रद्धालुओं के लिए चिकित्सा शिविर भी लगाए गए थे। श्रद्धालुओं को मेले के दौरान अपने मोबाइल फोन चार्ज करने में दिक्कत न हो, इसके लिए कुछ स्वयंसेवियों ने निःशुल्क चार्जिंग प्वाइंट्स भी स्थापित किए थे। मंदिर के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए अपने घरों में भी व्यवस्था की थी।
इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह, विपक्ष के नेता सुनील शर्मा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक हमीद करा ने भी माता क्षीर भवानी के तीर्थस्थल पर हाजिरी दी, माथा टेका, माता को क्षीर का भोग लगाया तथा प्रदेश की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
डीसी गांदरबल जतिन किशोर व अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी माता के दरबार में हाजिरी लगा पूजा अर्चना की और प्रदेश की उन्नति व शांति के लिए प्रार्थना की। जतिन किशोर ने कहा – हमें खुशी है कि मेला सुचारु और शांतिपूर्वक ढंग से आयोजित हुआ और इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी। सभी के आपसी तालमेल के चलते मेला सुचारु ढंग से आयोजित करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को मेले के दौरान किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना ना करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी। चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं ने जिस हर्ष उल्लास व उत्साह के साथ मेले में हिस्सा लिया, वह काफी सराहनीय है।
कश्मीर घाटी के अन्य जिलों कुलगाम के मंजगाम, देवसर अनंतनाग के लोगरीपोरा और कुपवाड़ा के टिक्कर में पांच भगवती मंदिर शामिल हैं, इनमें भी आज धार्मिक समारोह आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।