नई दिल्ली. देश में समय-समय पर गंगा जमुनी तहजीब के उदाहरण दिये जाते हैं. बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन ऐसा करने वालें (गंगा जमुनी तहजीब का पालन) लोगों को डर के साए में जीना पड़ता है. और तब कोई उनके पक्ष में आकर खड़ा नहीं होता, उनका साथ नहीं देता. ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ से सामने आया है, वहां दो मुस्लिम महिलाओं को जान से मारने की धमकी दी गई है.
अलीगढ़ के देहली गेट इलाके में रहने वाली रूबी आसिफ खान और नरगिस ने 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान घर में आरती की थी. आरती के दौरान उनके घर में अन्य महिलाएं भी शामिल हुईं थीं. इन दोनों ने 30 जुलाई को राम लला को राखी और 5100 रुपये का चेक तीर्थ क्षेत्र को भेजा था.
धमकी मिलने की शिकायत पीड़ित महिलाओं ने पुलिस में दर्ज कराई है. महिलाओं का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकी देने और इस्लाम से बाहर करने के पर्चे मोहल्ले में बांटे गए हैं.
थाना दिल्ली गेट क्षेत्र के लोगों ने मोहल्ले में और आसपास के क्षेत्र में पोस्टर लगवा दिए हैं, पोस्टरों पर रूबी के पूजा करते हुए फोटो छपवाकर ऊपरकोट इलाके में दीवारों पर चस्पा कर दिए. पोस्टरों पर लिखा है कि रूबी और नरगिस ने मंदिर निर्माण की खुशी में अपने घर में पूजा की. ऐसे लोगों को इस्लाम से खारिज करो.
सीओ सिटी सुदेश गुप्ता के मुताबिक शिकायतकर्ता और पीड़ित पक्ष को घबराने की जरूरत नहीं है. जान से मारने की धमकी और और अन्य आरोपों पर मिली शिकायत को लेकर केस दर्ज कराने के साथ जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस के अनुसार उन्हें 17 अगस्त की शाम, शाह जमाल एडीए कॉलोनी निवासी रूबी आसिफ खान के बायकाट और धमकी से जुड़े पर्चे बांटे जाने की खबर मिली थी. और पुलिस की टीम इस मामले पर नजर बनाए हुए है.
अल्पसंख्यक आयोग ने लिया संज्ञान
अलीगढ़ (Aligarh) में मुस्लिम समाज की 2 महिलाओं को जान से मारने की धमकी देने और इस्लाम से खारिज करने के मामले का राज्य अल्पसंख्यक आयोग (State Minority Commission) ने संज्ञान लिया है. आयोग ने अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से 28 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से जानकारी दी गई कि अलीगढ़ जनपद के थाना देहली गेट के अंतर्गत 2 मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं रूबी आसिफ खान और नरगिस को अज्ञात कट्टरपंथियों द्वारा जान से मारने की धमकी देने की जानकारी समाचार पत्रों और मीडिया चैनलों के माध्यम से मिली है. आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह, कुंवर सैयद इकबाल हैदर और रूमाना सिद्दीकी के द्वारा घटना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं जिला अधिकारी अलीगढ़ से घटना की विस्तृत रिपोर्ट 28 अगस्त तक प्रेषित करने को कहा गया है.