दिल्ली के अंकित सक्सेना हत्याकांड के मामले में तीस हजारी न्यायालय ने आरोपी शहनाज बेगम, अकबर अली और मोहम्मद सलीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुस्लिम लड़की के साथ प्रेम संबंध होने के कारण लड़की के परिजनों ने अंकित सक्सेना की बीच सड़क पर गला काटकर हत्या कर दी थी. मामले में न्यायालय ने लड़की की मां, पिता व मामा को सजा सुनाई है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने सजा की अवधि पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए न्यायालय ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने कारण की गई थी.
पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना की सरेआम गला काटकर हत्या कर दी गई थी. न्यायालय ने अंकित के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी. घटना के बाद पीड़ित परिवार ने मोहल्ला छोड़ दिया था और ए-ब्लॉक से मकान बदलकर बी-ब्लाक में आ गए थे.
प्रकरण में पुलिस ने अप्रैल 2018 में लड़की के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था और तीन मई 2018 को आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई सत्र अदालत में स्थानान्तरित कर दी गई थी.
25 मई, 2018 को सत्र अदालत ने आरोपियों पर हत्या, हत्या की साजिश और मारपीट की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे और नौ दिसंबर 2023 को अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
अंकित सक्सेना की हत्या के मामले में आरोपियों को मिली उम्रकैद पर अंकित की मां का कहना है कि न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. जिस तरह का कृत्य उनका है, उस हिसाब से फांसी से कम सजा हो ही नहीं सकती. निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.