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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बवाना और महिपालपुर से 4 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 3 बांग्लादेशी नागरिक बवाना में प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम कर रहे थे। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 72 साल के मुस्ताक और उसके 32 साल के बेटे मिंटू और 28 साल के शाहिद खान के रूप में हुई है। पुलिस ने मोहम्मद मोंटो नाम के अवैध बांग्लादेशी नागरिक को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मुस्ताक और उसके बेटे बवाना की जेजे कॉलोनी में रहते थे, जबकि मोहम्मद मोंटो को महिपालपुर में घर की तलाश करने के दौरान हिरासत में लिया गया। ये सभी अवैध रूप से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे और पिछले 2 दशकों से भी ज्यादा समय से जाली दस्तावेजों के सहारे दिल्ली में रह रहे थे। बवाना में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने छापेमारी की और तीनों को पकड़ा। वहीं, महिपालपुर में मोंटो को संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर हिरासत में लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पहले अपने बांग्लादेशी मूल से इनकार किया और जाली दस्तावेज दिखाकर पुलिस को भटकाने की कोशिश की। हालांकि, लगातार पूछताछ के बाद उनकी असलियत सामने आ गई। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल और दिल्ली में स्थानीय ‘एजेंटों’ की मदद से फर्जी दस्तावेज हासिल किए थे। पुलिस ने मामले में BNS की संबंधित धाराओं और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत केस दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘हम ऐसे नेटवर्क की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।’ पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं।
अपराध शाखा की साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली के बवाना में रह रहे मुस्ताक (72), शाहिद खान (28) वर्ष और मिंटू (32) वर्ष के रूप में हुई है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए साइबर सेल में तैनात इंस्पेक्टर विवेकानंद व एसआई शबनम सैफी की टीम काम कर रही थी।