मुंबई. मुंबई डब्बेवाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तलेकर ने कहा कि साइकिल चलाना न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. इसीलिए साइकिलिंग संस्कृति विकसित करने के लिए समाज के सभी स्तरों पर बढ़ावा देना चाहिए. आज, विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के साथ बातचीत की.
उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी में साइकिल चलाने का शौक बढ़ रहा है. लेकिन साइकिल के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधा निर्माण के लिए हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए. हम लगभग दो शताब्दियों से परिवहन के लिए साइकिल का उपयोग कर रहे हैं. साइकिल के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए साइकिल दिवस मनाया जाता है. आजकल कम दूरी की यात्रा के लिए भी दोपहिया और चार पहिया वाहनों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. इससे प्रदूषण, तापमान में बड़ी मात्रा में वृद्धि हो रही है. इसे रोकने का एक ही तरीका है कि यात्रा करने के लिए जितना हो सके साइकिल का इस्तेमाल करें.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवाजे गए मुंबई के डब्बेवाले पिछले कई सालों से साइकिल के माध्यम से शहर के नौकरीपेशा लोगों को उनके दफ्तर में समय से खाना पहुँचाते हैं. स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ-साथ जेब के लिए भी अनुकूल रही. साइकिल उनके लिए बहुत उपयोगी वाहन है. ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन साइकिल को ईंधन न लगने के कारण ईंधन की भाव के बढ़ोत्तरी से उन्हें कोई चिंता नहीं रहती. उन्होंने कहा कि साइकिल पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण प्रदूषण को भी कम करती है.
व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए डब्बेवालों को प्रतिदिन कई किलोमीटर साइकिल चलानी पड़ती है. रोजाना साइकिल चलाने की इस आदत से डब्बेवाले काफी तंदरुस्त है तथा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी बीमारियों से दूर हैं. इसलिए, साठ-सत्तर की आयु पार करने वाले डब्बेवाले भी साइकिल से खाना पहुंचाने का काम कर रहे हैं. लोगों से अपील की कि हर रोज साइकिल चलाकर सभी बीमारियों को दूर रखो और फिट रहो.