करंट टॉपिक्स

अत्याचारी चीन – मुस्लिमों के पश्चात अब ईसाई निशाने पर, जीसस के स्थान पर कम्युनिस्ट नेताओं की तस्वीर लगाने के आदेश

Spread the love

नई दिल्ली. चीन की कम्युनिस्ट सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के हनन के आरोप लगते रहते हैं. उइगर मुस्लिमों के शोषण व अधिकारों के हनन के समाचार सुर्खियों में रहते हैं. अब ईसाई समुदाय को निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया है. ईसाई समुदाय को क्रॉस हटाने व घरों में जीसस क्राइस्ट की तस्वीर की जगह कम्युनिस्ट नेताओं की तस्वीर लगाने के फरमान जारी किए हैं. चीन में सात करोड़ ईसाई रहते हैं. चीन सरकार के अत्याचारी रवैये को हमारे देश के कम्युनिस्ट कुछ नहीं बोलेंगे, किसी स्तर पर आवाज नहीं उठाएंगे.

डेली मेल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ईसाईयों को कई प्रांतों में आदेश देकर कहा गया है कि धार्मिक प्रतीकों को हटाकर कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग और वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर लगाएं.

यही नहीं पिछले दिनों एक अभियान के तहत चार राज्यों में सैकड़ों चर्चों के बाहर लगे धार्मिक प्रतीक चिन्हों को हटाया जा चुका है. तर्क दिया गया था कि समानता स्थापित करने के लिए भवन के माध्यम से किसी धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए. रेडियो फ्री एशिया के अनुसार, चीन के अन्शुई, जियांग्सु, हेबई और झेजियांग में मौजूद चर्चों के बाहर लगे सभी धार्मिक प्रतीकों को जबरन हटवा दिया गया.

जानकारी के अनुसार हुआनान प्रांत में शिवान क्राइस्ट चर्च के बाहर एक बड़ा क्रॉस लगा था, जिसे हटाने का आदेश था. लेकिन लोगों ने ऐसा नहीं करने दिया. इसके बाद कुछ सरकारी अधिकारी आए और उनकी देख-रेख में क्रॉस तोड़ दिया गया.

चीन अपने यहां किसी भी धर्म को मंजूरी नहीं देना चाहता, इसलिए चीनी सरकार की ओर से ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं. चीन के हुआनान प्रांत में काफी हंगामा हुआ, यहां शिवान चर्च के बाहर क्रॉस हटाने को कहा गया, जिसके बाद वहां काफी तादाद में लोग विरोध करने लगे, लेकिन पुलिस ने उनकी आवाज दबा दी.

पिछले साल जिनपिंग सरकार ने धार्मिक किताबों के ट्रांसलेशन पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी. इस आदेश को ना मानने वालों को सजा की भी धमकी दी गई. इसके अलावा शिनजियांग प्रांत में चीनी सरकार पर लाखों मुस्लिमों को कैद करने के आरोप लगते रहे हैं.

कैम्पेन फॉर उइगर के एडवाइज़री बोर्ड के चेयरमैन तुर्दी होजा के मुताबिक़ चीन में लाखों उइगर मुसलमानों को कंसंट्रेशन कैम्प में रखा जा रहा है. उन्होंने अपने एक लेख में कहा कि चीनी सरकार ने लगभग 30 लाख उइगर मुसलमानों और अन्य तुर्की बोलने वाले मुसलमानों को कंसंट्रेशन कैम्प में बंद कर रखा है. चीन सरकार उन पर झूठा आरोप लगाती है कि उन्हें मानसिक परामर्श की ज़रूरत है, इलाज के बहाने उन्हें कंसंट्रेशन कैम्प में बंद करती है, फिर उन पर अत्याचार करती है.

https://www.dailymail.co.uk/news/article-8544835/China-orders-Christians-destroy-crosses-churches-images-Jesus.html?ito=social-twitter_mailonline

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *