नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड के बहाने दिल्ली में हिंसा के मामले में संलिप्त आरोपियों तक पहुंचने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं. पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अहम जानकारी उपलब्ध करवाने वालों को लाखों रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है.
लाल किले पर झंडा फहराने और लोगों को उकसाने के मामले में अहम आरोपी बताए जा रहे दीप सिद्धू, जुगराज सिंह (झंडा फहराने वाला), गुरजोत सिंह और गुरजंत सिंह दिल्ली पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार रखा है. दीप सिद्धू घटना के बाद से ही फरार चल रहा है. दिल्ली पुलिस की दो टीमें पंजाब भी गईं थीं, लेकिन सिद्धू नहीं मिला.
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को भड़काने के मामले में बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, जजबीर सिंह और इकबाल सिंह पर 50,000 – 50,000 रुपये के नकद इनाम की घोषणा की गई है. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को जानकारी प्रदान की. पुलिस ने बताया कि इनकी पहचान सीसीटीवी और वीडियो क्लिप्स के आधार पर की गई है.
लाल किला घटना के बाद सिद्धू ने दो वीडियो भी जारी किए थे. जिसमें उसने किसान नेताओं पर ही आरोप लगाए थे. साथ उसने यह भी कुबूल किया था कि जब लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराया गया, तब वो वहां मौजूद था. हालांकि उसने ये कहकर अपना बचाव भी किया था कि उन्होंने या उनके समर्थकों ने तिरंगे झंडे को वहां से हटाया नहीं था. ‘निशान साहिब’ का झंडा फहराना विरोध का एक सांकेतिक तरीका था. जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच की एक टीम पहले ही पंजाब में मौजूद है. जो अलग-अलग जगहों पर छापे मारकर सिद्धू को ढूंढ रही है.
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी और इस दौरान पुलिस पर विभिन्न स्थानों पर हमला हुआ था. इस दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था.