उदयपुर. कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लाम से जुड़े दो आतंकियों ने कन्हैयालाल की निर्मम हत्या से आक्रोशित हिन्दू समाज ने कर्फ्यू के बीच मौन रैली निकाली. घटना की गहन जांच तथा आरोपियों को फांसी की मांग की.
नगर निगम प्रांगण से संत समाज के नेतृत्व में निकली मौन रैली में हजारों की संख्या में सर्व समाज के नागरिक सम्मिलित हुए. आतंक के खिलाफ कार्रवाई, हत्यारों की फांसी, कन्हैयालाल को न्याय दो आदि नारे लिखी तख्तियों तथा भगवा पताकाओं के साथ रैली सूरजपोल, बापू बाजार, बैंक तिराहा, देहलीगेट होते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. करीब ढाई किलोमीटर लम्बे मार्ग पर तिल धरने तक की भी जगह नहीं थी. सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक समाजजन ही नजर आ रहे थे. रैली अनुशासित रूप से कलेक्ट्रेट पहुंची और ज्ञापन सौंपा.
समाज के प्रतिनिधियों ने ऐसे तत्वों को जड़ से समाप्त करने की मांग की. इसके बाद मेवाड़ में बड़ीसादड़ी स्थित रामानुज आश्रम के मेवाड़पीठ के पीठाधीश सुदर्शनानंद ने ज्ञापन का वाचन किया. उन्होंने कहा कि हत्या करना और हत्या के बाद उसका वीडियो प्रदर्शन करना जिस मानसिकता को दर्शाता है, वह मानसिकता स्वीकार नहीं की जा सकती.
इसके बाद संत समाज ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में राजस्थान की गहलोत सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने, मामले की जांच एनआईए से करवाकर हत्यारों को मृत्युदंड देने, सिमी, पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने, राजस्थान में रहने वाले राष्ट्रविरोधी तत्वों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई करने, मृतक के परिजनों को पांच करोड़ मुआवजा, दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी, मृतक को बचाने के दौरान घायल हुए साथी के सम्पूर्ण उपचार सहित उसके पूरे परिवार की सम्पूर्ण सुरक्षा भी पुख्ता करने की मांग की गई.
रैली को लेकर, सुबह से ही शहर के विभिन्न हिस्सों और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से समाजजनों का आना जारी रहा. कोई वाहन तो कोई पैदल ही नगर निगम प्रांगण पहुंचे. इस दौरान कर्फ्यू क्षेत्र से बाहर के क्षेत्रों सहित पूर्ण प्रदेश में अनेक स्थानों पर समाज ने स्वतः ही बाजार बंद रखे.