नई दिल्ली/देहरादून. बुधवार को राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता विधेयक को स्वीकृति प्रदान कर दी. समान नागरिक संहिता कानून से संबंधित नियम अधिसूचित होने के साथ ही उत्तराखंड पहला राज्य बन जाएगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने की जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने लिखा – “हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखंड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है.
निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी. प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में #UniformCivilCode अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के विज़न के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है”.
हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से…
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) March 13, 2024
6 फरवरी, 2024 को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024 विधेयक प्रस्तुत किया था.
विधेयक में मुख्य रूप से महिला अधिकारों के संरक्षण को केंद्र में रखा गया है. कुल 192 पृष्ठों के विधेयक को चार खंडों विवाह और विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) और विविध में विभाजित किया गया है.