नई दिल्ली. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रणाली को तर्कसंगत, न्यायपूर्ण एवं पारदर्शी बनाने हेतु प्रतिबद्ध एवं सतत प्रयासरत है. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रकल्प प्रतियोगी परीक्षा के राष्ट्रीय संयोजक देवेंद्र सिंह ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि न्यास द्वारा प्रधानमन्त्री जी, कार्मिक राज्य मंत्री एवं संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को गत माह पत्र लिख आग्रह किया था कि छात्र हित में परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाते हुए छात्रों को परीक्षा से पूर्व उचित समय अंतराल दिया जाए एवं इसकी पूर्व घोषणा भी की जाए. न्यास द्वारा यह भी निवेदन किया गया था कि सिविल सेवा परीक्षा 2019 के साक्षात्कार पूर्ण होने के पश्चात ही सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 का आयोजन किया जाए. आज संघ लोक सेवा आयोग द्वारा छात्र हित में उपर्युक्त आग्रह स्वीकार कर छात्रों को तैयारी हेतु पर्याप्त समय दिए जाने के निर्णय का हम बहुत स्वागत करते हैं. सिविल सेवा परीक्षा 2019 के साक्षात्कार पूर्ण होने के पश्चात ही सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 के आयोजन की घोषणा हेतु भी संघ लोक सेवा आयोग एवं भारत सरकार का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हैं.
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का यह भी आग्रह है कि कोरोना संकट के कारण छात्रों का बड़े स्तर पर स्थानांतरण हुआ है. ऐसे में उन्हें लंबित परीक्षा में केंद्र बदलने हेतु छूट दी जाए छात्रों को अवसर की समानता प्रदान करने हेतु आवेदन वापिस लेने की सुविधा परीक्षा से उपयुक्त समय पूर्व एक बार पुनः प्रदान की जाए ताकि इस संकट से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित छात्रों को न्याय मिल सके.