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उत्तरप्रदेश में चल रही थी जबरन मतांतरण की साजिश, एटीएस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर साजिश का खुलासा किया

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जबरन मतांतरण करवाने के षड्यंत्र का खुलासा हुआ है. एटीएस ने करीब 1000 लोगों के जबरन मतांतरण के मामले में दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है और दोनों एक इस्लामिक सेंटर से जुड़े हैं. मूकबधिर, महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया जा रहा था. दोनों आरोपियों ने नोएडा के एक स्कूल में पढ़ने वाले लगभग एक दर्जन बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया है.

पुलिस के अनुसार जबरन मतांतरण की साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की फंडिंग के सबूत मिले हैं. एडीजी प्रशांत कुमार (लॉ एंड ऑर्डर) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2 जून, 2021 को डासना में मंदिर में दो लोगों ने गैर कानूनी तौर पर घुसने की कोशिश की थी. इस मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया था, जिनके नाम विपुल विजयवर्गीय और काशिफ है. उनसे पूछताछ में जानकारी मिली कि प्रदेश में मतांतरण की बड़ी साजिश चल रही है. इसके लिए लोगों को रुपये-पैसे का लालच भी दिया जा रहा है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एडीजी ने पूरी साजिश का खुलासा किया. लखनऊ एटीएस ने विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस जांच में बाटला हाउस जामिया नगर के मोहम्मद उमर गौतम का नाम सामने आया. इसने खुद भी अपना धर्म परिवर्तन किया है. पूछताछ और जांच के बाद साथी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी की गई, जिससे पता चला कि उन्होंने करीब 1,000 लोगों का लालच देकर या डरा-धमका कर मतांतरण करवाया है.

इन लोगों ने बच्चों और औरतों का भी मतांतरण करवाया है. औरतों का मतांतरण कर उनकी शादी दूसरे मजहब के लोगों से कराई गई ताकि बाद में इस चीज की भी कोई गुंजाइश न बचे कि वह अपने मजहब में दोबारा वापस आ सकें. एक बच्चे के मां-बाप ने पुलिस को बताया कि उनका बच्चा मूक-बधिर है यानि वह बोल नहीं सकता है. उसका भी मतांतरण कर दक्षिण भारत के किसी राज्य में ले जाया गया. उन्होंने अपने बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई है.

कई जगह फैला है नेटवर्क

इन लोगों ने नोएडा, कानपुर, मथुरा और वाराणसी सहित अन्य जगहों पर भी मतांतरण करवाया है. अन्य प्रदेशों में भी यह रैकेट चलाया जा रहा है. लखनऊ में भी दो लोगों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है. एफआईआर में आईडीसी इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी शामिल है. सेंटर को दुनिया भर से फंडिंग मिलती थी.

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