नई दिल्ली. विश्व कल्याण के अपने ध्येय के साथ पड़ोसी देशों से मित्रता निभाते हुए भारत ने अफगानिस्तान को भी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप भेज दी है. भारत द्वारा भेजी गई कोरोना वैक्सीन की पांच लाख डोज रविवार को अफगानिस्तान पहुंच गई.
कोरोना वैक्सीन अफगानिस्तान पहुंचने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया – हम हमेशा अपने दोस्तों के साथ खड़े हैं.’ मानवीय सहायता के तौर पर इन वैक्सीन को मुंबई-दिल्ली-काबुल एयर इंडिया फ्लाइट से भेजा गया. दोनों देशों के बीच सहयोग के विस्तार के तौर पर भारत द्वारा आठ जनवरी को जयशंकर और अत्मार के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान कोविड-19 राहत सहायता की घोषणा की गई थी.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समिट-लेवल की बातचीत हुई. इस दौरान अशरफ गनी ने कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने के लिए भारत का आभार जताया. गनी ने कहा, – ”इस महत्वपूर्ण समय में वैक्सीन की 5,00,000 खुराकें हमें देने का आपने फैसला किया. इससे बड़ा तोहफा कोई और नहीं हो सकता है.’
पहले चरण में टीका सुरक्षा और रक्षा बलों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले अन्य समूहों को दिया जाएगा. वरिष्ठ नागरिकों और हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों के रोगियों को दूसरे चरण में टीके दिये जाएंगे. दूसरे चरण में, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षित किया जाएगा. अफगानिस्तान में अब तक कोविड-19 के 55,359 मामले सामने आए हैं और इससे 2,413 व्यक्तियों की मौत हुई है.
कोरोना वैक्सीन
भारत ने अभी तक नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, सेशल्स, म्यांमार और मॉरीशस को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाई है. इनके अलावा सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को सहित अन्य देशों को भी कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है.
WHO के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने हाल ही में भारत का आभार व्यक्त करते हुए लिखा था – “कोविड-19 के खिलाफ विश्व भर में जारी प्रयासों में लगातार सहयोग देने के लिए हम भारत और प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं. हम मिलकर काम कर और ज्ञान साझा करके ही इस वायरस को रोक सकते हैं और जिंदगियों को बचा सकते हैं.”