नीमच, मध्यप्रदेश. क्षेत्र में देशभक्ति व सेना के जवानों के प्रति सम्मान का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला. सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात एक जवान जब अपनी 17 साल की सेवा पूरी कर (सेवानिवृत्त होकर) गांव लौटा तो उसका इस तरह से स्वागत हुआ, जिसकी जवान ने भी कल्पना नहीं की थी. विजय बहादुर सिंह 17 साल की सेवा पूरी कर बुधवार को अपने गांव लौटे तो पूरा गांव उनके स्वागत के लिए तैयार खड़ा था. जैसे ही विजय गांव में पहुंचे तो लोगों ने उनके मार्ग में अपनी हथेलियां बिछाकर उनका स्वागत किया. लोगों का ये प्रेम देखकर विजय भी भी भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं.
सोशल मीडिया पर विजय बहादुर के स्वागत का वीडियो वायरल हो रहा है. इस दौरान वहां देशभक्ति गाने भी बजते हुए सुनाई दे रहे हैं. गांव के करीब 60 लोग सेना में हैं. सेवानिवृत्ति के पश्चात 03 फरवरी को विजय बहादुर सिंह अपने गांव लौटे तो गांव वालों ने अपने हाथ जमीन पर बिछाकर फौजी से अपने पांव रखवाए और फिर उन्हें माला पहनाकर गांव में स्थित गणेश मंदिर के दर्शन करवाए.
विजय बोले यह गर्व का पल
‘आज मेरे लिए बहुत गर्व का पल है, मुझे बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है. आज मैं सेना में 17 साल 26 दिन सेवा करके रिटायर हुआ. जब मैं जीरन (गांव) में आया तो यहां की जनता ने जो देशभक्ति दिखाई वो.. जैसे ही मैं यहां आया तो इन्होंने मेरे पांव जमीन पर नहीं रखने दिए. उन्होंने हथेलियों पर मेरे पांव रखवाए और मंदिर के दर्शन करवाए. मैंने 03 जनवरी 2004 को आर्मी ज्वाइन की. इस दौरान मैंने कारगिल, जम्मूकश्मीर, लेह लद्दाख, बटालिक, अरुणाचल, हिमाचल, बाड़मेर, बीकानेर जैसी जगहों पर सर्विस की. मैं शिमला से रिटायर हुआ हूं.’ उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें जो सम्मान और प्यार दिया उससे बड़ा उनके लिए कुछ नहीं हो सकता. अब वो गांव में रहकर ही युवाओं को सेना की भर्ती के लिए तैयार करेंगे और जब भी गांव में कोई फौजी सेना से रिटायर होकर आएगा, उसका स्वागत इसी तरह से किया जाएगा.
वहीं, विजय बहादुर के पिता ने कहा कि उनका सीना आज गर्व से और चौड़ा हो गया है और वो चाहते हैं कि सेना में अधिक से अधिक लोग जाएं तथा देश की सेवा करें. ‘आज जो स्वागत हुआ मेरे बच्चे का, ये बहुत बड़ी उपलब्धि है जीरन गांव के लिए, जो मैंने जिंदंगी में पहली बार देखा है.’