सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल।
विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री (संगठन) मिलिंद परांडे ने पश्चिम बंगाल के सभी लोगों को पोइला बैशाख और नववर्ष 1432 बंगाबद के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि पश्चिम बंगाल में शांति, व्यवस्था और कानून का राज स्थापित हो तथा वक्फ कानून के विरुद्ध प्रदर्शन के नाम पर राज्य के हिन्दुओं के जीवन और संपत्तियों पर जिहादी हमले शीघ्र बंद होंगे।
विहिप के सिलीगुड़ी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी का भड़काऊ बयान निंदनीय है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। मुर्शिदाबाद के धुलियान, सूती, शमशेरगंज में हिन्दुओं पर हुए हमले निंदनीय हैं। जिहादी हमलों में मारे गए हरगोविंद दास और चंदन दास के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। साथ ही दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। विहिप ने अपने ही राज्य में शरणार्थी बनने को मजबूर बंगाली हिन्दू जो मुर्शिदाबाद से मालदा में शरण लिए हुए हैं, उन्हें उनके शीघ्र पुनर्वास और मुआवजा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना कश्मीर में हुई घटनाओं की हूबहू पुनरावृत्ति है।
विहिप महामंत्री (संगठन) ने कहा कि राज्य के एक अन्य मंत्री फिरहाद हकीम का हिन्दुओं के अपने ही राज्य में शरणार्थी बनने संबंधी बयान बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। मिलिंद परांडे ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वक्फ आंदोलन के नाम पर सिलीगुड़ी और बाद में पश्चिम बंगाल में अन्य जगहों पर कानून-व्यवस्था न बिगड़े, अन्यथा केंद्र सरकार का हस्तक्षेप जरूरी है। पश्चिम बंगाल के मंत्री एस. चौधरी के भड़काऊ बयानों के मद्देनजर हिन्दुओं की जान-माल की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की अविलंब तैनाती की जानी चाहिए।
विहिप मांग करती है कि विरोध के नाम पर राज्य और राष्ट्रीय संपत्ति तथा हिन्दुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई विरोध प्रदर्शन के आयोजकों से की जानी चाहिए।